(तस्वीरों के साथ)
भुवनेश्वर, 16 जुलाई (भाषा) ओडिशा के बालासोर जिले में एक कॉलेज छात्रा के आत्मदाह को लेकर बुधवार को यहां विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो पूर्व मंत्रियों समेत विपक्षी दल के कई कार्यकर्ता और नेता घायल हो गए।
एक अधिकारी ने कहा कि ‘लोअर पीएमजी स्क्वायर’ के पास बीजद का प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने राज्य सचिवालय ‘लोक सेवा भवन’ की ओर मार्च करते हुए अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया और पुलिसकर्मियों से उनकी झड़प हो गई।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने बीजद कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें डालीं और आंसूगैस के गोले छोड़े।
हालांकि, घायल बीजद नेताओं ने दावा किया कि उन्हें रबर की गोलियां लगीं। पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया।
भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘आरोप झूठ है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे। रबर की गोलियों का इस्तेमाल नहीं किया गया जैसा आरोप लगाया गया है।’’
दूसरी ओर, बीजद अध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने पुलिस की ‘‘ज्यादती’’ की कड़ी निंदा की और कार्रवाई को ‘‘बर्बर और अमानवीय’’ बताया।
पटनायक ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ओडिशा में लोकतांत्रिक विरोध का अधिकार गंभीर खतरे में है। आज, बीजद ने व्यवस्थागत उदासीनता की शिकार 20 वर्षीय छात्रा की दुखद मौत के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीजद नेता जब अनुशासित तरीके से लोक सेवा भवन की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने शांतिप्रिय भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बिना किसी संकोच के पानी की बौछारें कीं। हैरानी की बात यह है कि उन्होंने बिना किसी उकसावे के रबर की गोलियां भी चलाईं।’’
राज्यसभा सदस्य सुलता देव ने दावा किया कि उन्हें रबर की गोली लगी और कुछ देर के लिए बेहोश हो गईं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पुलिस ने बिना उकसावे के बर्बरता की।’’
पूर्व मंत्री सुदाम मरांडी ने आरोप लगाया कि पार्टी नेता प्रीति रंजन घराई को भी रबर की गोलियां लगीं और उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बीजद ने एक बयान में कहा कि पूर्व मंत्री प्रणब प्रकाश दास को भी पैर में गंभीर चोट लगने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया ।
मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 24 वर्षों तक गृह विभाग के प्रभारी भी रहे पटनायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बीजद के शांतिपूर्ण मार्च को विफल करने के लिए कठोर रणनीति अपनाई।
पटनायक ने कहा कि जबतक जान गंवाने वाली छात्रा के सिलसिले में इंसाफ नहीं हो जाता है तबतक बीजद संघर्ष करता रहेगा।
पटनायक ने सांसद सुलता देव, पूर्व मंत्री प्रणब प्रकाश दास और प्रीति रंजन घराई से फोन पर बात की तथा उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली एवं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
पुलिस आयुक्त एस देव दत्त सिंह ने कहा,‘‘पुलिस ने लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए कार्रवाई की है और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले दागे ।’’
पुलिस आयुक्त ने कहा कि एक राजनीतिक दल को ‘लोअर पीएमजी स्क्वायर’ पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन लोक सेवा भवन की ओर मार्च करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस द्वारा पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद बीजद कार्यकर्ता वहां से चले गए और उनमें से कुछ, यानी करीब 100 लोगों को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें आंदोलन स्थल से दूर ले जाया गया।
बीजद ने कॉलेज छात्रा की मौत की न्यायिक जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस छात्रा ने यौन उत्पीड़न की घटना में कथित तौर पर न्याय न मिलने पर खुद को आग लगा ली थी।
प्रदर्शन से पहले, बालासोर जिले में कॉलेज छात्रा की मौत पर बीजद के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर यहां लोक सेवा भवन में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
पुलिस ने बताया कि राज्य सचिवालय के आसपास स्थित राजीव भवन और खारवेल भवन समेत शहर के अन्य सरकारी भवनों में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों की पूरी जांच और उनकी पहचान के सत्यापन के बाद उन्हें लोक सेवा भवन में प्रवेश दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि आगंतुकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि, पहले से समय लेने वाले लोगों को संबंधित विभागों की सिफारिश पर प्रवेश पास जारी किए जा रहे हैं।
भाषा राजकुमार माधव
माधव