नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने अपनी नाबालिग सौतेली पोती से दुष्कर्म के जुर्म में 59 वर्षीय एक व्यक्ति को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अंकित मेहता ने आरोपी व्यक्ति को महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी देने के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 10 के तहत दोषी ठहराया।
सरकारी वकील विनीत दहिया ने कहा कि दोषी किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है, क्योंकि उसने 10 साल की बच्ची का आठ महीने से अधिक समय तक यौन उत्पीड़न।
अदालत ने नौ जुलाई को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘दोषी अपनी नाबालिग सौतेली पोती को पूरी तरह से निर्वस्त्र करने के बाद उसके पूरे शरीर पर यौन इरादे से तेल मालिश करता था और वह उसे मारता-पीटता था तथा धमकाता था कि वह (पीड़िता) यह बात किसी को न बताए। ’’
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