मेरठ, 16 जुलाई (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य और पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रभारी संजय सिंह ने बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर गरीब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश को मधुशाला नहीं बल्कि पाठशाला की जरूरत है।
सिंह ने विद्यालयों के विलय की योजना के खिलाफ मेरठ में प्राथमिक विद्यालय गोटका से गगोल नंबर दो तक पैदल मार्च किया।
इस प्रदर्शन में ग्रामीणों, अभिभावकों और स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया।
सिंह ने कहा कि सरकार अपनी विलय योजना के तहत 27 हजार सरकारी स्कूल बंद कर रही है और राज्य में 27,308 शराब की दुकानें खोल रही हैं।
‘आप’ नेता ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा के मंदिर बंद कर रही है और शराब की दुकानों की संख्या बढ़ा रही है, जो शिक्षा के अधिकार कानून का सीधा उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि स्कूल बंद होने के कारण छात्र-छात्राएं विशेष रूप से बालिकाएं शिक्षा से वंचित हो रही हैं।
सिंह ने कहा कि प्रदेश को मधुशाला नहीं बल्कि पाठशाला की जरूरत है।
उन्होंने राज्य सरकार के इस कदम को ‘शिक्षा विरोधी मानसिकता’ का नतीजा करार देते हुए कहा कि सरकार बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के सपनों को कुचल रही है।
सिंह ने दावा किया कि प्रदेश में शिक्षकों के करीब दो लाख पद रिक्त हैं।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में 1.93 लाख, माध्यमिक में 3872 और उच्चतर माध्यमिक में 8714 पद खाली हैं लेकिन सरकार के पास न तो नई भर्तियों की योजना है और न ही विद्यालयों के रखरखाव की कोई ठोस नीति।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, “उत्तर प्रदेश में प्रति छात्र वार्षिक शिक्षा व्यय 9167 रुपये है जबकि राष्ट्रीय औसत 12768 रुपये है। इससे स्पष्ट है कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता नहीं है।”
सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी प्रदेश भर में ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ चलाएगी और यह संघर्ष सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगा।
उत्तर प्रदेश में 50 से कम विद्यार्थियों वाले 10825 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का नजदीकी विद्यालयों में विलय किये जाने की योजना है।
उच्च न्यायालय द्वारा सरकार के इस फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किये जाने के बाद याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
भाषा सं. सलीम जितेंद्र
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