(बेदिका)
नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) कॉमेडियन वीर दास ने कहा है कि लोगों को जिन चीजों के बारे में लगता है कि वे उन्हें परेशानी में डाल देंगी, वे कभी नहीं होतीं। उनका मानना है कि एक हास्य कलाकार के रूप में उनका काम सिर्फ चुटकुला सुनाना है और हद कहां है यह तय करना दर्शकों का काम है।
दास अपने नए विशेष कार्यक्रम ‘फूल वॉल्यूम’ के साथ वापस आ गए हैं, जो ‘वीर दास लैंडिंग’ को अंतरराष्ट्रीम एमी पुरस्कार मिलने के बाद आया है और इस बार उनका मकसद और ज़्यादा खुराफाती, नटखट और मज़ेदार होना है।
दास से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी विवाद के डर से अपने चुटकुलों को सेंसर करते हैं, तो उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘जिन चीजों के बारे में आप सोचते हैं कि वे आपको परेशानी में डाल देंगी, वे कभी भी आपको परेशानी में नहीं डालतीं। जिन चीजों के बारे में आप कभी भविष्यवाणी नहीं कर सकते, वे ही परेशानी का कारण बन जाती हैं।’
उन्होंने कहा, “दर्शक अंततः मुझे सेंसर करेंगे। मैं बस चुटकुला सुनाता हूं। दर्शक ही तय करते हैं कि हद कहां है। वे हर साल हद को आगे बढ़ाते हैं। अगर आप सोचें, तो ऐसी सामग्री है जो हम 12 साल पहले कर सकते थे, लेकिन आज उसे बहुत बुनियादी माना जाता है। 12 साल पहले हमें यह पता नहीं था, लेकिन दर्शक हमें वहां ले गए… एक कलाकार के रूप में मेरा काम उस हद तक चलना है।’
देश के शीर्ष हास्य कलाकारों में से एक दास अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं, चाहे वह उनके चुटकुलों के लिए हो या उनके 2021 का भाषण जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मैं दो भारत से आया हूं।” इसमें उन्होंने अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध के बारे में बात की थी।
हास्य अभिनेता ने ‘बदमाश कंपनी’, ‘गो गोवा गॉन’ और ओटीटी श्रृंखला ‘कॉल मी बे’ जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया है।
भाषा नोमान माधव
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