नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) केंद्र ने बुधवार को प्रस्तावित पोलावरम-बनकचेरला संपर्क परियोजना (पीबीएलपी) और अन्य नदी जल विवादों को लेकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच मामलों को सुलझाने के लिए एक सप्ताह में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी अपने-अपने जल संसाधन मंत्रियों के साथ उपस्थित थे।
एक बयान में कहा गया है कि जल शक्ति मंत्रालय ने परियोजना के तकनीकी मुद्दों के साथ-साथ गोदावरी और कृष्णा नदी के पानी से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है।
बैठक में मंत्रालय ने दोनों नदियों के जलाशयों के जलग्रहण बिंदुओं पर टेलीमेट्री उपकरण लगाने का भी निर्णय लिया।
जल शक्ति मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘शेष मुद्दों को व्यापक और तकनीकी तरीके से हल करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।’
इसमें कहा गया है कि समिति में राज्यों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह लंबित चिंताओं का अध्ययन करने और न्यायसंगत तथा कुशल जल-बंटवारा सुनिश्चित करने के लिए व्यवहार्य समाधान सुझाने के लिए मिलकर काम करेगी।
बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए रेड्डी ने कहा कि तकनीकी समिति बनाने का समझौता विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आंध्र प्रदेश के जल संसाधन मंत्री एन. रामानायडू ने संवाददाताओं को बताया, ‘बैठक में तीन निर्णय लिए गए… चूंकि पोलावरम-बनकाचेरला परियोजना में तकनीकी मुद्दे शामिल हैं, इसलिए एक सप्ताह के भीतर एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।’
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि केंद्र ने गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड (जीआरएमबी) को तेलंगाना में और कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड (केआरएमबी) को आंध्र प्रदेश में स्थापित करने के अपने पहले के फैसले को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है।
रेड्डी ने कहा कि यह निर्णय 2020 में दोनों राज्यों के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के बीच हुई शीर्ष परिषद की बैठक के दौरान बनी सहमति के अनुरूप है।
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