शाहजहांपुर (उप्र), 17 जुलाई (भाषा) पवित्र सावन के महीने में जहां शिव भक्त कांवड़ लेकर भगवाान शंकर का गंगा जल से अभिषेक करने के लिए कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे हैं, वहीं यहां के जिला कारागार में जेल से रिहाई की मन्नत मांग कर कैदी गंगा जल से शिव का अभिषेक कर रहे हैं और यह गंगा जल उन्हें जेल प्रशासन ने उपलब्ध कराया है।
जेल अधीक्षक मिजाजीलाल ने बुधवार को ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि उनके कारागार में सावन माह में जेल में बंद तमाम बंदी शिव की आराधना कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें शिव पुराण सहित अन्य साहित्य जेल में उपलब्ध कराया गया है। बंदियों को जेल परिसर में स्थित चार मंदिरों में पूजा के लिए बेलपत्र, धतूरा और मदार के पुष्प सहित पूजा की सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने बताया कि बंदियों की मांग पर उन्होंने फर्रुखाबाद के पांचाल घाट (गंगा नदी) से गंगाजल मंगवाया है जिससे उनके बंदी रोजाना शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। इसके अलावा जेल के मंदिरों में पूजा पाठ की सुविधा के लिए योग्य जानकार व्यक्ति की भी तैनाती की गई है जो बंदियों की पूजा पाठ में सहायता करता है।
लाल ने बताया कि फांसी की सजा पाई ब्रिटिश महिला अमनदीप कौर सोमवार का व्रत रख रही है और प्रतिदिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाकर पूजा कर रही है।
जेल अधीक्षक ने अमनदीप कौर के हवाले से बताया कि भारत में रहते हुए भगवान में उसकी आस्था बढ़ी है और वह व्रत रखकर भगवान की कृपा प्राप्त करना चाहती है जिससे उसकी फांसी के बजाय छोटी सजा मिल जाए।
जेल अधीक्षक ने बताया कि उनकी जेल में प्रतिदिन 500 से अधिक महिला और पुरुष बंदी पूजा पाठ करते हैं। उनके अनुसार, 220 बंदी सावन सोमवार का व्रत रखते हैं जिनमें 21 महिला बंदी भी शामिल हैं। इन्हें व्रत के दौरान 500 ग्राम दूध, 750 ग्राम उबले आलू और 100 ग्राम चीनी के अलावा खाने के लिए फल दिए जाते हैं।
मिजाजीलाल ने बताया कि उन्होंने कुछ बंदियों से बात की। उन्होंने बंदियों के हवाले से बताया कि कुछ बंदी अपने किए गए पापों का प्रायश्चित करने और कुछ बंदी धार्मिक आस्था के तहत शिव की पूजा कर रहे हैं, जबकि कई बंदी जेल से जल्दी छूटने की कामना से व्रत रखकर पूजा कर रहे हैं।
जेल अधीक्षक के मुताबिक, शाहजहांपुर जिला कारागार में कुल 1301 बंदी हैं जिनमें 47 महिलाएं शामिल हैं।
भाषा सं राजेंद्र मनीषा
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