26.6 C
Jaipur
Thursday, July 17, 2025

श्रीलंका में चेम्मानी सामूहिक कब्रगाह से बच्ची के अवशेष मिले

Newsश्रीलंका में चेम्मानी सामूहिक कब्रगाह से बच्ची के अवशेष मिले

कोलंबो, 17 जुलाई (भाषा) श्रीलंका के जाफना जिले में एक सामूहिक कब्रगाह से निकाले गए मानव अवशेषों में चार-पांच साल की एक लड़की के कंकाल की पहचान की गई है। 1990 के दशक के मध्य में लिट्टे संघर्ष के दौरान पहली बार यह कब्र चर्चा में आई थी।

वकील जगनाथन तथपरन ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘फोरेंसिक पुरातत्वविद् राज सोमदेव ने चेम्मानी में स्थित सामूहिक कब्र की खुदाई के निष्कर्षों की रिपोर्ट 15 जुलाई को जाफना मजिस्ट्रेट की अदालत को दी थी।’

राज सोमदेव इस खुदाई की देखरेख कर रहे थे।

इस वर्ष के आरंभ में, न्यायालय ने सामूहिक कब्र स्थल पर नियमित विकास कार्य के दौरान मानव कंकाल के अवशेष मिलने के बाद कानूनी निगरानी में खुदाई का आदेश दिया था।

तथपरन ने बताया कि बच्ची के अवशेष के साथ स्कूल बैग और खिलौने मिले हैं।

सोमदेव ने अदालत को बताया कि वह 4-5 साल की उम्र की एक लड़की थी।

वकील ने बताया कि कपड़ों और शारीरिक विशेषताओं में समानता के आधार पर दो और कंकाल भी बच्चों के होने का संदेह है।

चेम्मानी स्थल ने पहली बार 1998 में सभी का ध्यान आकर्षित किया था, जब एक श्रीलंकाई सैनिक ने वहां सामूहिक कब्रों के अस्तित्व के बारे में गवाही दी थी। वहां 1990 के दशक के मध्य में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) और श्रीलंका सरकार के बीच संघर्ष के दौरान कथित तौर पर मारे गए सैकड़ों नागरिकों की कब्रें थीं।

साल 1999 में प्रारंभिक खुदाई में 15 कंकाल मिले थे, जिसके बाद से हाल तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। यह कब्रगाह देश भर में खोजे गए दर्जनों स्थलों में से एक है।

श्रीलंका में 2009 में खत्म हुए 26 साल लंबे गृहयुद्ध के दौरान हजारों लोग मारे गए और लापता हो गए।

मुख्य तमिल राजनीतिक दल ‘इलंकाई तमिल अरासु कच्ची’ (आईटीएके) ने राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके को लिखे एक पत्र में इस बात पर जोर दिया कि चेम्मानी सामूहिक कब्रगाह युद्ध अपराधों और ‘तमिलों के खिलाफ एक नरसंहार अभियान’ का स्पष्ट प्रमाण है।

दस जुलाई को रोक दिया गया उत्खनन कार्य 21 जुलाई को फिर से शुरू होने वाला है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल का अनुमान है कि 1980 के दशक के उत्तरार्ध से श्रीलंका में 60,000 से 100,000 लोग लापता हुए।

श्रीलंका में तमिल समुदाय का दावा है कि गृहयुद्ध के अंतिम चरण में लगभग 1,70,000 लोग मारे गए थे, जबकि संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार यह संख्या 40,000 है।

लिट्टे तमिलों के लिए एक अलग मातृभूमि की मांग कर रहा था।

भाषा जोहेब मनीषा नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles