भुवनेश्वर, 17 जुलाई (भाषा) ओडिशा के पुरी जिले में 29 जून को रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ की प्रशासनिक जांच के तहत अब तक कुल 147 लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और करीब 50 अन्य घायल हुए थे।
अधिकारियों ने बताया कि इन सभी लोगों ने विकास आयुक्त-सह-अपर मुख्य सचिव अनु गर्ग के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए हैं। मामले की जांच अनु गर्ग की अगुवाई में हो रही है।
बुधवार को पुरी स्थित विशेष सर्किट हाउस में हुई पिछली सुनवाई के दौरान 42 लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए, जिनमें पुलिसकर्मी और 29 जून को ड्यूटी पर तैनात एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के कर्मचारी शामिल थे।
गर्ग ने बताया “हमने भुवनेश्वर और पुरी दोनों जगहों पर चार अलग-अलग सत्रों में विभिन्न पक्षकारों के बयान दर्ज किए हैं।”
भुवनेश्वर में हुई सार्वजनिक सुनवाई में 17 लोगों ने भाग लिया जबकि पुरी में आयोजित तीन अन्य सत्रों में कई अन्य लोगों ने घटनास्थल पर अपने अनुभव साझा किए।
रथ उत्सव के दौरान यह भगदड़ श्री गुंडीचा मंदिर के पास उस समय हुई थी जब तीनों रथ मंदिर के सामने खड़े थे और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
अनु गर्ग ने 30 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश के तहत अगले ही दिन जांच शुरू कर दी थी। जांच के दौरान वह सेवकों, पुलिसकर्मियों, आमजन और अन्य संबंधित पक्षों से मिल चुकी हैं। अधिकारियों के अनुसार, गर्ग ने उस स्थान का भी दौरा किया जहां हादसा हुआ था।
घटना के तुरंत बाद राज्य सरकार ने तत्कालीन पुरी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया था। जांच के दौरान अनु गर्ग ने दोनों अधिकारियों से मुलाकात की और जगन्नाथ मंदिर पुलिस (जेटीपी) के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मीडिया प्रतिनिधियों से भी चर्चा की।
एक अधिकारी ने बताया कि गर्ग ने घटना से संबंधित वीडियो फुटेज मीडिया संस्थानों और आम लोगों से भी मांगे हैं।
भाषा मनीषा नरेश
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