गोंडा (उप्र), 17 जुलाई (भाषा) बलरामपुर के बहुचर्चित धर्मांतरण प्रकरण के कथित सरगना जलालुद्दीन उर्फ ‘छांगुर बाबा’ के सहयोगी की तलाश में उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) का एक दल गोंडा पहुंचा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि टीम यहां बुधवार को रमजान नामक व्यक्ति की तलाश में आई थी, उसकी मृत्यु की जानकारी सामने आने के बाद टीम ने संबंधित रिकॉर्ड और जानकारी एकत्रित की और वापस लौट गई।
सूत्रों के अनुसार, धर्मांतरण मामले में बलरामपुर जिले के उतरौला निवासी जमालुद्दीन उर्फ ‘छांगुर बाबा’ के नेटवर्क की जांच के दौरान एटीएस के संज्ञान में गोंडा जिले के गांव रेतवागाड़ा निवासी रमजान का नाम आया था जो कभी कव्वाली और जागरण जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में ढोल बजाया करता था।
उन्होंने बताया कि 2023 में वह अपने भाई मोहर्रम अली उर्फ आजाद के साथ एक कार्यक्रम में आजमगढ़ गया था जहां धर्मांतरण कराने का आरोप लगाते हुए बजरंग दल के कुछ सदस्यों ने आयोजन को बाधित कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद रमजान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सूत्रों ने बताया कि लगभग आठ माह तक जेल में बंद रहने के बाद वह तीन जनवरी 2024 को जमानत पर रिहा हुआ।
परिजनों का दावा है कि जेल से रिहा होने के बाद से उसकी तबीयत लगातार खराब थी और चार मार्च 2024 को उसकी मृत्यु हो गई।
सूत्रों ने बताया कि एटीएस टीम बुधवार को जब रेतवागाड़ा पहुंची तो उसे रमजान की मृत्यु की जानकारी मिली।
उन्होंने कहा, ‘‘टीम ने स्थानीय लोगों से पूछताछ की और रमजान के मृत्यु से जुड़े कागजात और पहचान से संबंधित दस्तावेज भी संकलित किए। एटीएस ने पास के एक गांव के निवासी रमजान नाम के अन्य व्यक्ति के बारे में भी आवश्यक विवरण एकत्रित किया।’’
सूत्रों ने बताया कि इसी साल अप्रैल में भी एटीएस ने इसी व्यक्ति से पूछताछ की थी।
हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा इस छानबीन के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने कहा, ‘‘एटीएस का काम करने का अपना तरीका है। बहुत आवश्यक होने पर ही स्थानीय पुलिस के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। टीम अपना काम कर रही है। आवश्यक होने पर वांछित सहयोग प्रदान किया जाएगा।’’
बलरामपुर जिले के निवासी जलालुद्दीन का असली नाम करीमुल्ला शाह है।
जलालुद्दीन, उसका बेटा महबूब और उसके साथियों नवीन उर्फ जमालुद्दीन तथा नीतू उर्फ नसरीन को हाल में एटीएस ने गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल जेल में बंद हैं।
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि जलालुद्दीन ने अपने और अपने साथियों से जुड़े 40 बैंक खातों में लगभग 106 करोड़ रुपये जमा किए, जिनमें से अधिकांश राशि पश्चिम एशिया से मिली थी।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि जलालुद्दीन ने एक बड़ा नेटवर्क बनाया हुआ था जो बलरामपुर स्थित चांद औलिया दरगाह के परिसर से संचालित होता था। इसी जगह पर वह नियमित रूप से भारतीय और विदेशी नागरिकों की बड़ी सभाएं आयोजित करता था।
भाषा सं राजेंद्र खारी
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