रायपुर, 17 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ विधानसभा में बृहस्पतिवार को राज्य में खाद की कमी को लेकर हंगामा मचाने के कारण कांग्रेस सदस्यों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रही है।
इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे के बीच, अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
प्रश्नकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक उमेश पटेल ने राज्य में डीएपी की मांग और आपूर्ति के बारे में पूछा।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या डीएपी उर्वरक की उपलब्धता में कमी है।
अपने जवाब में, राज्य के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि खरीफ फसल सीजन 2025 में, भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए 3,10,000 मीट्रिक टन डीएपी का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा अप्रैल से जून 2025 तक 2,19,100 मीट्रिक टन की आपूर्ति योजना जारी की गई है, जिसके विरुद्ध 30 जून तक 1,08,155 मीट्रिक टन की आपूर्ति की जा चुकी है।
नेताम ने बताया कि पिछले सीजन (रबी 2024-25) के 40,746 मीट्रिक टन बचत स्टॉक सहित कुल 1,48,900 मीट्रिक टन का भंडारण किया जा चुका है।
मंत्री ने कहा कि चालू खरीफ सीजन में 30 जून तक जारी आपूर्ति योजना के विरुद्ध डीएपी की आपूर्ति में कमी दिखाई दे रही है।
उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए, किसानों के लिए वैकल्पिक फॉस्फेटिक उर्वरकों का भंडारण किया जा रहा है और उनके बीच इनके उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कांग्रेस विधायक पटेल ने आगे दावा किया कि अभी तक कुल मांग के पचास प्रतिशत तक की आपूर्ति नहीं हो पाई है और उन्होंने सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र को दी गई मात्रा के बारे में पूछा।
मंत्री ने कहा कि संबंधित विभाग डीएपी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ निरंतर समन्वय में हैं।
उन्होंने बताया कि 20 जुलाई तक राज्य को फिर से 18,885 मीट्रिक टन उर्वरक की आपूर्ति की जाएगी। बृहस्पतिवार को 718 मीट्रिक टन उर्वरक खरसिया (उमेश पटेल द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाने वाला निर्वाचन क्षेत्र) पहुँच जाएगा।
मंत्री ने कहा कि यह सही है कि राज्य में डीएपी की कमी है और वैश्विक कारणों से पूरे देश में भी यही स्थिति बनी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए नैनो डीएपी उर्वरक को बढ़ावा दिया जा रहा है।
नेतम ने कहा कि कुल डीएपी स्टॉक का 64 प्रतिशत सहकारी क्षेत्र को और 36 प्रतिशत निजी क्षेत्र को दिया गया है।
इसके बाद, कांग्रेस सदस्यों ने दावा किया कि उर्वरक निजी क्षेत्र में उपलब्ध है और निजी दुकानदार सहकारी समितियों में उर्वरक की कमी का फायदा उठाकर इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं और इसे ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पाँच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर, कांग्रेस सदस्यों ने फिर से यह मुद्दा उठाया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए, वे सदन में अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गए।
अध्यक्ष रमन सिंह ने विपक्ष के नेता चरणदास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 30 कांग्रेस विधायकों को निलंबित करने की घोषणा की और उन्हें सदन से बाहर जाने को कहा।
इसके बाद भी कांग्रेस सदस्य वहीं खड़े रहे और नारेबाजी करते रहे।
बाद में, अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही फिर से स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर से शुरू होने पर, अध्यक्ष ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि सदन से बाहर जाने के उनके बार-बार अनुरोध के बाद भी, निलंबित विपक्षी विधायकों ने नियमों का उल्लंघन किया और आसन के सामने ही रहे।
सिंह ने कहा कि उन्हें उनके कृत्य से बहुत दुख हुआ है और उन्होंने उन्हें दिन भर के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
भाषा संजीव नरेश
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