मुंबई, 17 जुलाई (भाषा) केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म के निर्माताओं द्वारा प्रमाणन के लिए दायर आवेदनों पर दो दिन में फैसला करेगा।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने शुरुआत में सीबीएफसी को ‘‘आवेदन पर कार्रवाई नहीं करने’’ और निर्धारित समय-सीमा के भीतर आदेश पारित नहीं करने को लेकर फटकार लगाई।
इसके बाद बोर्ड ने उच्च न्यायालय को बताया कि आवेदनों पर दो दिनों के भीतर निर्णय लिया जाएगा और निर्माताओं को निर्णय के बारे में सूचित कर दिया जाएगा।
पीठ ने बयान स्वीकार कर लिया और फिल्म निर्माताओं की याचिका का निपटारा कर दिया।
‘सम्राट सिनेमैटिक्स’ ने उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में अपनी फिल्म – ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ के लिए प्रमाणन आवेदनों पर कार्रवाई करने में सीबीएफसी की ‘‘मनमानी, अनुचित और अस्पष्ट’’ देरी पर सवाल उठाया।
याचिका में दावा किया गया कि सीबीएफसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से भी अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा था।
वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम और अधिवक्ता सत्य आनंद तथा निखिल अराधे ने अदालत को बताया कि नियमों के अनुसार, प्रमाणीकरण संबंधी आवेदन पर पांच दिनों के भीतर निर्णय किया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘आप किसी आवेदन को लेकर बैठे भर नहीं रह सकते खासतौर पर तब जब कि उन्होंने प्राथमिकता शुल्क का भुगतान कर दिया हो। आवेदन पर निर्णय लिया जाना चाहिए।’’
यह फिल्म ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ नामक पुस्तक से प्रेरित है, जो कथित तौर पर योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म एक अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी।
भाषा शोभना रंजन
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