नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) यूरोप में पेशेवर फुटबॉल खेलने वाली पहली भारतीय महिला बनने के ठीक एक दशक बाद स्टार खिलाड़ी अदिति चौहान ने 17 साल के अपने करियर को विराम लगाते हुए खेल से संन्यास लेने का फैसला किया है।
यह 32 वर्षीय भारतीय महिला टीम की पूर्व गोलकीपर अब मैदान के बाहर काम करना चाहती हैं और अगली पीढ़ी के लिए एक ‘मजबूत रास्ता और माहौल’ बनाना चाहती हैं।
अदिति ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘फुटबॉल का शुक्रिया – मुझे आकार देने, मेरी परीक्षा लेने और मुझे आगे ले जाने के लिए। 17 अविस्मरणीय वर्षों के बाद, मैं गहरी कृतज्ञता और गर्व के साथ पेशेवर फुटबॉल से संन्यास ले रही हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस खेल ने मुझे सिर्फ करियर से कहीं बढ़कर दिया, इसने मुझे एक पहचान दी। दिल्ली में एक सपने का पीछा करने से लेकर ब्रिटेन तक अपना रास्ता बनाने तक, जहां मैंने खेल प्रबंधन में मास्टर्स की पढ़ाई की और वेस्ट हैम यूनाइटेड के लिए खेला – मैं एक ऐसे रास्ते पर चली जिसका कोई स्पष्ट नक्शा नहीं था।’’
अदिति ने कहा, ‘‘मुझे कभी भी शिक्षा और जुनून के बीच चयन नहीं करना पड़ा। मैंने दोनों काम करने के लिए कड़ी मेहनत की और इसी संतुलन ने मुझे परिभाषित किया है।’’
अपने सफल अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान अदिति ने इंग्लैंड में महिला सुपर लीग के लिए वेस्ट हैम यूनाइटेड द्वारा अनुबंधित किए जाने पर सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने 57 मैच में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 2012, 2016 और 2019 में सैफ महिला चैंपियनशिप जीतने वाली सीनियर टीम का हिस्सा रहीं।
अदिति ने कहा, ‘‘मैंने खेल को अपना सब कुछ दे दिया- सब कुछ भारत के लिए नंबर एक बनने की तलाश में। लेकिन मुख्य आकर्षण पर्दें के पीछे की शांत लड़ाइयां थीं: अनजानी चीजों का डर, यह साबित करने का दबाव कि मेरा रास्ता सही था और समाज का लगातार सवाल – ‘आप फुटबॉल खेलकर जीविका कैसे चला सकते हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘और फिर, चोटें। एक बार नहीं, बल्कि दो बार एसीएल की चोटों से वापसी करते हुए मेरा मानना है कि मैंने अन्य खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल कायम की है कि मानसिक साहस से कोई भी किसी भी चीज पर काबू पा सकता है। दर्द, संदेह, चुप्पी – यह एक ऐसी लड़ाई थी जिसे मुझे अंदर से जीतना था।’’
उन्होंने 2018 की शुरुआत में भारत लौटने से पहले वेस्ट हैम के साथ दो सत्र बिताए। वह 2019-20 में इंडियन वुमेंस लीग (आईडब्ल्यूएल) के लिए गोकुलम केरल एफसी से जुड़ीं।
घरेलू स्तर पर अदिति ने 2019-20 और 2021-22 में गोकुलम केरल एफसी के साथ आईडब्ल्यूएल का खिताब जीता और एएफसी महिला क्लब चैंपियनशिप में तीसरा स्थान भी हासिल किया।
अदिति ने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता मेरे साथ खड़े रहे, जरूरत पड़ने पर मेरा साथ दिया, जब मैं थोड़ी ढीली पड़ी तो मुझे आगे बढ़ाया। मैं जो कुछ भी हूं, जो कुछ भी हासिल कर पाई हूं, वह मेरी मां की वजह से ही संभव हुआ है जिन्होंने चुपचाप मेरे साथ इस रोमांचक सफर में हिस्सा लिया और मैं ईश्वर का जितना शुक्रिया अदा करूं उतना कम है, उन्होंने मुझे मेरी मां जैसी मां दी।’’
अपने आखिरी सत्र उन्होंने श्रीभूमि एफसी को आईडब्ल्यूएल में तीसरा स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
मैदान से दूर जाते हुए अदिति ने कहा कि उनके पास अब भी खेल को देने के लिए बहुत कुछ बाकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब जब मैं मैदान से परे जीवन में कदम रख रही हूं तो मैं उस विश्वास को अपने साथ लेकर चल रही हूं – अब एक खिलाड़ी के रूप में नहीं बल्कि अगली पीढ़ी के लिए एक मजबूत रास्ता और माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध व्यक्ति के रूप में।’’
भाषा सुधीर नमिता
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