हरिद्वार, 17 जुलाई (भाषा) हरिद्वार में जारी कांवड़ यात्रा के दौरान बृहस्पतिवार को शिव भक्त कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्पवर्षा की गयी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके चरण धोकर उनका सम्मान किया।
धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों चारों और भगवा बाना पहने कांवड़ियों की चहल पहल है और हर तरफ ‘बोले बम’ और ‘हर हर महादेव’ का नारा गूंज रहा है। रोजाना हजारों की संख्या में कांवड़िए हरिद्वार में गंगा जल लेने के लिए आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरिद्वार में कांवड़ियों पर आसमान से हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया।
धामी ने यहां पहुंचकर कांवड़ियों के चरण धोकर उनका सम्मान किया। उन्होंने शिवभक्तों को माला पहनाई और उन्हें फल प्रदान किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए भगवान शिव के भक्तों की सेवा और सम्मान का मौका मिलने पर स्वयं को सौभाग्यशाली बताया और कहा कि यह बहुत पवित्र, पौराणिक और कठिन यात्रा है जिसमें शिव भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करके पवित्र गंगा जल लेने यहां आते हैं और पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम उनके पैर धोकर स्वागत सम्मान कर रहे हैं। हम भगवान शिव से कांवड़ियों की सुरक्षित और सुगम यात्रा की कामना करते हैं।”
कुछ कांवड़ियों द्वारा हंगामा, तोड़फोड़ व मारपीट किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से भगवान शिव ने लोगों के कल्याण के लिए स्वयं विषपान किया था, शिव भक्तों को भी उनसे जनकल्याण की प्रेरणा लेनी चाहिए।
कांवड़ यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन और पुलिस द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कांवड़ियों से अपील की कि अगर किसी को कुछ कठिनाई भी होती है तो वह भगवान शिव का ध्यान करते हुए दूसरों के लिए कठिनाई न पैदा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पवित्र देवभूमि है और देव भूमि का मूल स्वरूप बरकरार रखने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनसांख्यिकीय को सुरक्षित रखने के लिए राज्य में धर्मांतरण विरोधी, ‘भूमि जिहाद’, ‘लव जिहाद’ आदि को लेकर कठोर कदम उठाए गए हैं और देश में पहली बार राज्य के सभी नागरिकों पर समान नागरिक संहिता लागू की गयी है।
भाषा सं दीप्ति नोमान
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