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Friday, July 18, 2025

प्रधानमंत्री मोदी की दुर्गापुर रैली में शामिल नहीं होंगे दिलीप घोष, न्योता नहीं मिलने का दिया हवाला

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कोलकाता, 17 जुलाई (भाषा)भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के नेताओं के बीच बढ़ती दरार का एक नया संकेत देते हुए, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह दुर्गापुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा में शामिल नहीं होंगे। घोष के मुताबिक उन्हें रैली में ‘‘आमंत्रित’’ नहीं किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को राज्य का दौरा करेंगे। उनका दुर्गापुर में भाजपा की एक रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम है। इससे पहले राज्य में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में वह 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे।

प्रधानमंत्री की दुर्गापुर रैली को 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले एक प्रमुख राजनीतिक कार्यक्रम माना जा रहा है। इसमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे।

एक समय बंगाल में भाजपा के आक्रामक अभियान का चेहरा रहे घोष को अहम राजनीतिक कार्यक्रम से बाहर रखने से पार्टी में कथित रूप से पनप रही गुटबाजी फिर से सुर्खियों में आ गई है।

घोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं (रैली में)नहीं जा रहा हूं क्योंकि मुझे आमंत्रित नहीं किया गया है। मेरी समझ से निमंत्रण जोन के अनुसार भेजे गए हैं। इसलिए मुझे विश्वास है कि जब मोदीजी कोलकाता जोन में आएंगे तो मुझे आमंत्रित किया जाएगा।’’

संपर्क करने पर, राज्य भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पुष्टि की कि घोष अतिथि सूची में नहीं थे।

पहचान गुप्त रखते हुए भाजपा पदाधिकारी ने कहा, ‘‘केवल दुर्गापुर-बर्धमान क्षेत्र के नेताओं को आमंत्रित किया गया था। कोलकाता क्षेत्र में रैली होने पर उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा को भी इस बार आमंत्रित नहीं किया गया है।’’

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का हालांकि कहना है कि एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में घोष की अनुपस्थिति को महज एक तकनीकी चूक से कहीं अधिक माना जा सकता है।

पार्टी सूत्रों ने स्वीकार किया कि घोष और नए प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य के बीच हाल ही में सार्वजनिक रूप से एकता दिखाने के बावजूद, बंगाल भाजपा के उच्च स्तर पर सब कुछ ठीक नहीं है।

पिछले सप्ताह भट्टाचार्य ने पार्टी के साल्ट लेक कार्यालय में घोष के साथ एक बैठक करके एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पहल की थी।

हालांकि घोष ने भाजपा छोड़ने की किसी भी योजना से बार-बार इनकार किया है, लेकिन राजनीतिक अटकलों पर उनकी अब वायरल हो चुकी ‘‘जोल नेई, पोनाओ नेई (पानी नहीं, मछली नहीं)’’ टिप्पणी सहित सवालों पर उनकी व्यंग्यात्मक प्रतिक्रियाओं ने संशय को मजबूत किया है।

भाषा धीरज माधव

माधव

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