नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लगभग दो दशकों की लंबी तलाश के बाद आठ करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित मणि एम. शेखर को इंदौर से गिरफ्तार किया है, जहां वह फर्जी पहचान के साथ रह रही थी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई ने 2007 में मणि और उसके पति रामानुजम मुथुरामलिंगम शेखर के खिलाफ बेंगलुरु में आरोपपत्र दाखिल किया था। दंपति पर आरोप है कि उन्होंने 2002 से 2005 के बीच अपनी कंपनियों के माध्यम से धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से प्राप्त ऋण राशि का दुरुपयोग किया।
जब मुकदमा शुरू हुआ तो यह दंपति फरार हो गया, जिसके कारण विशेष अदालत ने 2009 में उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘इन फरार आरोपियों का पता लगाने के लिए वर्षों से किए जा रहे निरंतर प्रयासों के बावजूद, इनका पता नहीं चल पाया था, जिसके कारण सीबीआई ने सुराग देने वाले को 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी। इस मामले में अन्य सह-आरोपियों पर मुकदमा चला जबकि इन दो फरार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लंबित रहा।’’
उन्होंने बताया कि बाद में एजेंसी ने ‘इमेज सर्च एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर’ का इस्तेमाल कर भगोड़े आरोपियों की तलाश को तेज किया और सुराग मिलने के बाद पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया।
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि दंपति ने अपना नाम बदलकर कृष्ण कुमार गुप्ता और गीता गुप्ता रख लिया था तथा मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने लगे थे।
सत्यापन के दौरान यह भी पता चला कि महिला के पति की मृत्यु 2008 में हो गई थी, जब वह अपनी फर्जी पहचान के साथ रह रहा था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मणि एम. शेखर को आखिरकार 12 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया और बेंगलुरु की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने आरोपी को आगे की सुनवाई के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लगभग दो दशकों तक फरार रहने के बाद, आरोपी वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रही है।’’
भाषा शफीक माधव
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