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Friday, July 18, 2025

बांग्लादेश ने मैमनसिंह में ध्वस्त की जा रही इमारत का सत्यजीत रे से कोई संबंध नहीं होने का दावा किया

Newsबांग्लादेश ने मैमनसिंह में ध्वस्त की जा रही इमारत का सत्यजीत रे से कोई संबंध नहीं होने का दावा किया

ढाका, 17 जुलाई (भाषा) बांग्लादेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि मैमनसिंह जिले में जिस इमारत को ‘‘जीर्ण-शीर्ण, जोखिम भरा और अनुपयोगी’’ ढांचा होने के कारण ध्वस्त किया जा रहा है, उसका प्रख्यात फिल्म निर्माता और लेखक सत्यजीत रे से कोई संबंध नहीं है।

भारत ने बांग्लादेश से फिल्म निर्माता की पैतृक संपत्ति को ध्वस्त करने के उसके फैसले पर पुनर्विचार करने का मंगलवार को अनुरोध किया था। साथ ही, इस प्रतिष्ठित इमारत के बांग्ला सांस्कृतिक ‘‘पुनर्जागरण’’ का प्रतीक होने के कारण इसे संरक्षित करने में मदद करने की पेशकश की।

बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘‘अभिलेखीय रिकॉर्ड की विस्तृत जांच से यह पुष्टि हुई है कि संबंधित इमारत का सत्यजीत रे के पूर्वजों से कभी कोई संबंध नहीं रहा है।’’

भारत ने मैमनसिंह में स्थित इस ‘‘ऐतिहासिक’’ इमारत को ध्वस्त करने के कदम को ‘‘बहुत दुखद’’ बताते हुए बांग्लादेश से इसे दोनों देशों की साझा संस्कृति के प्रतीक के रूप में संग्रहालय में परिवर्तित करने का आग्रह किया और इसके लिए सहयोग देने का वादा किया।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह इमारत स्थानीय जमींदार शशिकांत आचार्य चौधरी ने अपने बंगले के बगल में अपने कर्मचारियों के लिए बनवाई थी। जमींदारी प्रथा के उन्मूलन के बाद, यह सरकार के नियंत्रण में आ गया, जिसने इसे ‘शिशु अकादमी’ को आवंटित कर दिया।

बयान में कहा गया है, ‘‘जिले के अधिकारियों ने मकान से संबंधित भूमि अभिलेखों की समीक्षा की है और पुष्टि की है कि पिछले अभिलेखों के अनुसार, यह भूमि सरकार की है और इसका रे परिवार से कोई संबंध नहीं है।’’

इसमें कहा गया है कि स्थानीय वरिष्ठ नागरिकों और व्यक्तियों ने यह भी कहा कि ‘‘रे परिवार और शिशु अकादमी को वर्तमान में पट्टे पर दी गई इमारत और जमीन के बीच कोई ज्ञात ऐतिहासिक संबंध नहीं है। यह घर पुरातात्विक स्मारक के रूप में भी सूचीबद्ध नहीं है।’’

बयान के अनुसार, हालांकि इमारत के सामने वाली सड़क, ‘हरिकिशोर रे रोड’, का नाम सत्यजीत रे के परदादा हरिकिशोर रे के नाम पर रखा गया है।

बयान में यह भी कहा गया है कि रे परिवार का हरिकिशोर रे रोड पर एक घर था, जिसे उन्होंने बहुत पहले बेच दिया था और अब वह मौजूद नहीं है।

इसमें कहा गया है, ‘‘नये मालिक ने वहां एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया था। अब जिस इमारत को ध्वस्त किया जा रहा है, वह जीर्ण-शीर्ण, जोखिम भरी और अनुपयोगी है।’’

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘2014 से, अकादमी मैमनसिंह शहर में कहीं और किराये की इमारत में स्थानांतरित हो गई, और यह खाली इमारत स्थानीय असामाजिक तत्वों की गैरकानूनी गतिविधियों का अड्डा बन गया। इसलिए, 2024 की पहली छमाही में उस स्थान पर एक अर्ध-स्थायी इमारत बनाने की पहल की गई।’’

भाषा सुभाष माधव

माधव

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