गुरुग्राम, 17 जुलाई (भाषा) हरियाणा में नूंह जिले की एक अदालत ने 2020 में दो समुदायों के बीच हुई झड़प के एक मामले में बृहस्पतिवार को 12 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
पुलिस ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार वर्मा की अदालत ने प्रत्येक दोषी के खिलाफ 55,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया।
यह मामला दो समूहों के बीच विवाद से संबंधित है। समूहों के बीच झड़प के दौरान वेदराम नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
पुलिस ने बताया कि 15 सितंबर, 2020 को आटा गांव निवासी त्रिलोक ने गौतम के नौ वर्षीय बेटे की पिटाई कर दी थी, जब गौतम और बीर सिंह ने इस बात को लेकर आरोपी से बात की, तो त्रिलोक ने बीर सिंह को थप्पड़ मारा और उसके साथ गाली-गलौज की।
पुलिस ने बताया कि अगले दिन आटा गांव में हरिजन चौपाल के निकट तीन लोगों की लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से पिटाई की गई।
इसी बीच त्रिलोक और उसके साथियों ने वेदराम पर लाठी, डंडे, कुल्हाड़ी और ईंटों से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस ने बताया कि वेदराम को सोहना अस्पताल ले जाया गया और बाद में गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इसने बताया कि मृतक के बेटे की शिकायत के आधार पर रोजका मेव पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने कहा, ‘‘लगभग साढ़े चार साल की सुनवाई के बाद अदालत ने त्रिलोक, विजय सिंह, निरंजन, राहुल, अजय कुमार, हितेश, प्रवीण गौतम, प्रकाश, पंकज, दुष्यंत कुमार, सतवीर सिंह चौहान और नरवीर को दोषी ठहराया। बृहस्पतिवार को सभी को आजीवन कारावास और 55,000 रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनाई गई।’’
भाषा
देवेंद्र रंजन
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