प्रयागराज, 17 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि वह अदालत की अनुमति के बगैर पुलिसकर्मियों को मुकदमों में फंसी संपत्ति पर जाने से रोकने और ऐसे मामलों में पक्षकारों के वकीलों से सीधा संपर्क करने से रोकने संबंधी दिशानिर्देश बनाएगी।
यह जानकारी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई। याचिका में जौनपुर के एक गांव में ग्राम सभा की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाया गया है। 90 वर्षीय याचिकाकर्ता ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर यह याचिका वापस लेने की धमकी देने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता के वकील ने भी आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा उनके घर पर दबिश दी गई।
इससे पूर्व, 15 जुलाई को जौनपुर के पुलिस अधीक्षक ने अदालत को बताया था कि मामले में दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ जांच की जा रही है। इसके अलावा, इस मामले में शामिल अन्य पुलिस कर्मियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने न्यायमूर्ति जे जे मुनीर को अवगत कराया कि राज्य सरकार को पूरे राज्य में सभी जिलों के लिए इसी तरह के दिशानिर्देश बनाने के लिए 10 दिन की जरूरत होगी।
यह अनुरोध स्वीकार करते हुए अदालत ने राज्य सरकार और पुलिस अधीक्षक, जौनपुर को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया और इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 28 जुलाई, 2025 तय की।
भाषा राजेंद्र शफीक
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