नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी अपने आदेशों का पालन न करने पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी है।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने उसके आदेशों और निर्देशों का पालन नहीं किया है।
पीठ ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सात मार्च के आदेश में उल्लेखित निर्देशों के अनुपालन पर तीन सप्ताह के भीतर अलग-अलग हलफनामे दाखिल करने को कहा।
पंद्रह जुलाई के आदेश में कहा गया है, ‘‘यदि कोई राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ऐसा हलफनामा दाखिल करने में विफल रहता है, तो ऐसे प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव सुनवाई की अगली तारीख, यानी 29 अगस्त, 2025 को उपस्थित रहेंगे और बताएंगे कि अदालत की अवमानना की कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए।’’
हलफनामों को संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के ‘शिक्षा विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित करने’’ का निर्देश दिया गया था, जो उपसचिव के पद से नीचे का नहीं होना चाहिए।
हलफनामों की प्रतियां वरिष्ठ अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा के साथ साझा करने का आदेश दिया गया था, जिन्हें इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया गया था।
रजनीश कुमार पांडे ने उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिक्षकों की कमी को लेकर अधिवक्ता प्रशांत शुक्ला के माध्यम से अदालत का रुख किया।
शीर्ष अदालत ने सात मार्च को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षित करने के लिए शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 28 मार्च तक अधिसूचित करने का निर्देश दिया था।
भाषा सुरेश देवेंद्र
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