हैदराबाद, 17 जुलाई (भाषा) तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया।
वर्ष 2016 में गाचीबोवली पुलिस थाने में दर्ज मामले में रेड्डी को आरोपी नंबर 3 (ए-3) के रूप में नामित किया गया था।
‘एससी म्यूचुअली एडेड कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड’ से जुड़े शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि रेवंत रेड्डी के उकसावे पर, उनके भाई कोंडल रेड्डी और अन्य ने गोपनपल्ली गांव में सोसाइटी की जमीन पर अतिक्रमण किया और जमीन पर कब्जा करने के इरादे से मशीन का उपयोग करके दो कमरों को ध्वस्त कर दिया।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ ‘‘जातिवादी टिप्पणी’’ की गई।
रेड्डी ने बाद में 2020 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और मामले को रद्द करने का अनुरोध किया। उनके वकील ने दलील दी कि रेड्डी ‘‘अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे।’’
उच्च न्यायालय ने पहले अपना आदेश सुरक्षित रखा था। न्यायालय ने रेड्डी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया।
इसने इस आधार पर आपराधिक मामला रद्द कर दिया कि अभियोजन पक्ष घटना से आरोपी को जोड़ने वाला कोई सबूत पेश करने में विफल रहा।
भाषा देवेंद्र शफीक
शफीक