भुवनेश्वर/बालासोर (ओडिशा), 17 जुलाई (भाषा) ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने बृहस्पतिवार को उस व्यक्ति का बयान दर्ज किया, जो कथित यौन उत्पीड़न के कारण आत्मदाह करने वाली 20 वर्षीय छात्रा को बचाने की कोशिश में झुलस गया था। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
अपराध शाखा ने बुधवार को बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की छात्रा की मौत मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।
उन्होंने बताया कि अपराध शाखा के दो अधिकारी कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल गये जहां छात्रा को बचाने के प्रयास में घायल हुए ज्योतिप्रकाश बिस्वाल का इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वह एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी हैं जो इस बात पर प्रकाश डाल सकते हैं कि 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में वास्तव में क्या हुआ था, जब छात्रा ने खुद को आग लगा ली थी।
सोमवार रात एम्स, भुवनेश्वर में इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई थी।
सूत्रों ने बताया कि अपराध शाखा के अधिकारियों ने ज्योतिप्रकाश से घटनाक्रम के बारे में पूछा, क्या छात्रा ने अपने ऊपर पेट्रोल डाला था या किसी ने उसे ज्वलनशील पदार्थ दिया था।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह सवाल महत्वपूर्ण है क्योंकि मृतक छात्रा की मां ने आरोप लगाया है कि उन्हें संदेह है कि किसी और ने उनकी बेटी को आग लगाई है।’’
इस बीच, डीएसपी इमान कल्याण नायक के नेतृत्व में अपराध शाखा की एक टीम ने भी घटना की जांच के तहत बालासोर स्थित कॉलेज का दौरा किया।
नायक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने बालासोर के सहदेवखुना पुलिस थाने से मामला अपने हाथ में ले लिया है। अपराध शाखा जिला पुलिस द्वारा की गई जांच की पुष्टि कर रही है। हम जमीनी स्तर से जानकारी एकत्र कर रहे हैं।’’
एक अन्य घटनाक्रम में, बालासोर पुलिस ने पीड़ित परिवार के साइबर उत्पीड़न के आरोप के आधार पर भोगराई थाने में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह शिकायत मृतक महिला के भाई ने दर्ज कराई है।
उनके भाई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि इलाके के पांच लोग परिवार पर और यहां तक कि मृतक महिला के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करके परिवार के सदस्यों को मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं।
भाई ने शिकायत में कहा, ‘‘यह हमारे लिए मानसिक यातना है, जब हम उसकी मौत के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।’’
पुलिस ने पांचों लोगों के खिलाफ बीएनएस की धाराओं 238 (साक्ष्य मिटाना), 253 (2) (झूठे बयान देना, प्रकाशित करना या प्रसारित करना), धारा 356 (2) (मानहानि) और धारा 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है।
भाषा
देवेंद्र शफीक
शफीक