मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई और दादाजी भुसे ने राज्य विधानसभा में सदन के अध्यक्ष और सत्ता पक्ष के प्रति ‘अशोभनीय’ आचरण को लेकर शिवसेना (उबाठा) विधायक आदित्य ठाकरे और भास्कर जाधव के खिलाफ शुक्रवार को कार्रवाई की मांग की।
देसाई ने कहा कि दोनों विधायकों का आचरण विधानसभा अध्यक्ष और सदन का अपमान है।
जाधव ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि राहुल नार्वेकर ने सदन में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जवाब पर उन्हें जवाब देने का अधिकार न देकर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया।
देसाई ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाते हुए कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष के प्रति अशोभनीय आचरण और टिप्पणी करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’’
भुसे, देसाई के समर्थन में अपने स्थान पर खड़े हुए और मांग की कि दोनों विपक्षी सदस्य या तो माफी मांगें या विधानसभा अध्यक्ष उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने जाधव और ठाकरे द्वारा सदन में अपने मुद्दे रखने के बजाय मीडिया से बात करने पर आपत्ति जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यक्तिगत रूप से मेरा अपमान नहीं है, बल्कि सदन का अपमान है।’’
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने ठाकरे की मीडिया से बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ टिप्पणी किये जाने की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां सदन में पूर्व मुख्यमंत्रियों की संतान मौजूद हैं। कोई भी इस तरह से बात नहीं करता। सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन टिप्पणी करना गलत है।’’
जाधव ने कहा कि उन्हें मीडिया में की गई अपनी टिप्पणी को लेकर खेद है और वह इसके लिए माफी मांगते हैं।
सत्तारूढ़ शिवसेना और विपक्षी शिवसेना (उबाठा) के सदस्यों की बृहस्पतिवार को विधानसभा में तीखी नोकझोंक हुई।
हंगामा उपमुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे द्वारा विधानसभा में नियम 293 के तहत आवास और शहरी विकास (जो उनके विभाग हैं) से संबंधित मुद्दों पर चर्चा का जवाब देने के तुरंत बाद शुरू हुआ।
यह नियम जनहित के मुद्दों को उठाने और उन पर चर्चा करने की अनुमति देता है।
जैसे ही शिंदे ने अपना जवाब पूरा किया, विधायक जाधव अपने स्थान पर खड़े हो गए और मांग की कि उन्हें सरकार के जवाब पर जवाब देने के अपना अधिकार का उपयोग करने की अनुमति दी जाए।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि जवाब देने का अधिकार केवल उस सदस्य को है जिसने चर्चा शुरू की है और विधायक (इस मामले में ठाकरे) उस समय सदन में मौजूद नहीं।
जाधव ने विधानसभा अध्यक्ष की आलोचना की और इसके बाद हुए हंगामे के चलते नार्वेकर ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर, मंत्री देसाई ने जाधव और ठाकरे के आचरण पर आपत्ति जतायी और उन पर विधानसभा अध्यक्ष और सत्ता पक्ष के प्रति अशोभनीय आचरण का आरोप लगाया।
बाद में, विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, जाधव ने आरोप लगाया कि नार्वेकर ने सदन में जवाब देने के अधिकार से उन्हें वंचित कर पक्षपात किया।
भाषा अमित सुभाष
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