27.5 C
Jaipur
Friday, July 18, 2025

सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक वामपंथी उग्रवाद को निशाना बनाने के लिए है: मुख्यमंत्री फडणवीस

Newsसार्वजनिक सुरक्षा विधेयक वामपंथी उग्रवाद को निशाना बनाने के लिए है: मुख्यमंत्री फडणवीस

मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य विधानसभा द्वारा चालू मानसून सत्र में पारित महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक वामपंथी दलों या सरकार विरोधी आवाजों के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद को निशाना बनाना है।

विधानसभा में पिछले सप्ताह लाए गए विपक्ष द्वारा समर्थित प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि वामपंथ और वामपंथी उग्रवाद में अंतर है, ठीक वैसे ही जैसे इस्लाम और प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘आईएसआईएस’ में अंतर है।

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा, ‘‘विशेष जन सुरक्षा विधेयक एक उदार कानून है। मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) अधिक कठोर है। मैं इस विधेयक का विरोध कर रहे लोगों को बताना चाहता हूं कि इसका दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। नए कानून में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है।’’

संयोग से विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक-2024 के खिलाफ एक पत्र सौंपा, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह ‘दमनकारी, अस्पष्ट और दुरुपयोग के लिए खुला’ है।

विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार पर जन सुरक्षा की आड़ में असाधारण कार्यकारी शक्तियों को वैध बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को विधानमंडल परिसर में हुई हाथापाई और मीडिया में अध्यक्ष को निशाना बनाए जाने पर भी दुख व्यक्त किया।

महाराष्ट्र विधानमंडल परिसर में बृहस्पतिवार को राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड और भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच मारपीट हो गई थी। एक दिन पहले दोनों विधायकों के बीच तीखी बहस हुई थी। यह घटना शाम 5.45 बजे विधानमंडल भवन के भूतल पर हुई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘संसदीय मर्यादा, आचरण और संवाद बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी है।’’

आव्हाड और पडलकर के सहयोगी क्रमशः नितिन देशमुख और सर्जेराव (ऋषिकेश) टाकले कथित तौर पर इस हाथापाई में शामिल थे और उन्हें राज्य विधानमंडल के सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया था।

फडणवीस ने कहा कि टाकले पर छह आपराधिक मामले दर्ज हैं और आठ मामलों में देशमुख का नाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ये लोग विधानसभा में मारपीट करते हैं। हम ऐसे लोगों की वजह से जनता को विधान भवन में आने से नहीं रोक सकते। उचित सुरक्षा व्यवस्था ज़रूरी है। विधान भवन परिसर में पाए जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पहचान होनी चाहिए।’’

राज्य के स्कूलों में हिंदी पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा उन्हें दी गई पुस्तिका का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा कि पुस्तिका में माशेलकर समिति की रिपोर्ट होनी चाहिए थी, जिसमें कक्षा एक से 12वीं तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने की सिफारिश की गई है।

भाषा संतोष नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles