मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की यहां स्थित एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को केनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंक समूह द्वारा दिये गए 55 करोड़ रुपये के ऋण में धोखाधड़ी को लेकर हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ सुनवाई पर आठ अगस्त तक रोक लगा दी।
मजिस्ट्रेट अदालत ने अप्रैल में सीबीआई द्वारा मामले में दाखिल आरोपपत्र का संज्ञान लिया था और चोकसी तथा गीतांजलि समूह के दो पूर्व कर्मचारियों विपुल चितालिया और अनियाथ नायर सहित आरोपियों को समन जारी किया था।
उनके वकीलों विजय अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और जैस्मीन ने हालांकि शुक्रवार को विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ एक पुनरीक्षण आवेदन दायर किया और दावा किया कि यह आदेश ‘‘बिना विचार किये यंत्रवत तरीके से’ पारित किया गया था।
उन्होंने दलील दी कि आरोपियों को समन भेजने का आदेश आरोपपत्र दाखिल करने के दिन ही, उसे देखे बिना ही, बिजली की गति से पारित कर दिया गया। वकीलों ने अपनी याचिका पर निर्णय होने तक अंतरिम राहत की मांग की।
मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश जे पी दारेकर ने पाया कि मजिस्ट्रेट अदालत का आदेश आरोपपत्र में दी गई सामग्री के आधार पर उसके द्वारा बनाई गई किसी राय को प्रतिबिंबित नहीं करता है।
विशेष न्यायाधीश ने कहा कि कारण न केवल वादियों के लिए आवश्यक हैं, बल्कि उच्च अदालतों के लिए भी सुनवाई अदालत की विचार प्रक्रिया को जानना आवश्यक है।
विशेष न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अदालत कम से कम उन कारणों की संक्षिप्त रूपरेखा की अपेक्षा करती है जिनके आधार पर अधीनस्थ अदालत इस मामले में समन जारी करने का निर्णय ले सके।’’
उन्होंने कहा कि इसलिए प्रक्रिया जारी करने के आदेश के समर्थन में कोई कारण न देना प्रथम दृष्टया त्रुटि है।
न्यायाधीश ने इसी के साथ मजिस्ट्रेट अदालत की कार्यवाही पर अगली सुनवाई की तारीख आठ अगस्त तक रोक लगा दी।
चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। चोकसी बेल्जियम की एक अदालत में जमानत की गुहार लगा रहा है, जबकि नीरव मोदी 2019 से लंदन की जेल में है।
भाषा धीरज शफीक
शफीक