(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 21 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक ईसाई व्यक्ति को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यह घटना पिछले हफ्ते लाहौर की निशात कॉलोनी में घटी। पुलिस अधिकारी जुल्फिकार अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आमिर मसीह को मुस्लिम शख्स सनूर अली की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। अली ने पुलिस को बताया, ‘उसका पड़ोसी मसीह उसकी किराने की दुकान पर आया और खराब आर्थिक हालात के कारण पाकिस्तान छोड़ने की बात करने लगा। फिर उसने अचानक पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर दी। मैंने उसे काबू करने की कोशिश की, लेकिन वह भागने में कामयाब रहा।’
अधिकारी ने बताया कि बाद में अली ने पुलिस से संपर्क किया और मसीह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और इस बाबत पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295 सी के तहत मामला दर्ज किया गया और मसीह को गिरफ्तार कर लिया गया।
पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी पैगंबर के नाम को अपवित्र करने के अपराध से संबंधित है। इस अपराध की सज़ा मौत या आजीवन कारावास और जुर्माना है।
एक ईसाई कानूनी संगठन के नेपोलियन कय्यूम के अनुसार, यह एक फर्जी मामला है, क्योंकि शिकायतकर्ता एक छोटी सी बात पर संदिग्ध के साथ अपना हिसाब बराबर करना चाहता है। उन्होंने बताया, ‘दुकानदार और संदिग्ध कई सालों से एक ही गली में रह रहे हैं और पिछले शुक्रवार को बारिश के पानी की निकासी के मुद्दे पर उनके बीच तीखी बहस हुई थी। दुकानदार अली ने आरोप लगाया कि संदिग्ध ने अपने घर का पानी गली में बहा दिया, जो उसकी दुकान में घुस गया। बाद में, उसने आमिर मसीह के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज करा दिया।’
कय्यूम ने कहा कि मसीह ने पुलिस को बताया कि उसने और शिकायतकर्ता ने वर्षा जल निकासी के मुद्दे पर एक दूसरे को कठोर शब्द कहे, लेकिन उसने (मसीह ने) पैगंबर के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।
पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है, जहां इस्लाम या इस्लामी हस्तियों का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति को मौत की सज़ा हो सकती है।
ईसाइयों और हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर अक्सर ईशनिंदा के आरोप लगते रहे हैं।
भाषा नोमान दिलीप
दिलीप