(फाइल तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता श्रेयस तलपड़े को एक सोसाइटी के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामले में सोमवार को गिरफ्तारी से राहत प्रदान कर दी।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने अभिनेता की ओर से दाखिल याचिका पर हरियाणा पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया।
हरियाणा के सोनीपत निवासी विपुल आंतिल की शिकायत पर अभिनेता एवं ब्रांड एंबेसडर तलपड़े तथा आलोक नाथ समेत 13 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आंतिल ने आरोप लगाया कि दोनों अभिनेताओं ने ब्रांड एंबेसडर के तौर पर ‘ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड’ का प्रचार किया।
सोनीपत के मुरथल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजीत सिंह ने बताया कि शिकायत एक विपणन कंपनी के खिलाफ की गई थी जिसकी जांच की जा रही है।
दोनों अभिनेताओं के बारे में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने कहा था, ‘‘यह आरोप लगाया गया है कि उनके (अभिनेताओं) ब्रांड एंबेसडर होने के कारण लोग निवेश के लिए आकर्षित हुए। शिकायत में उनका नाम लिखित में दिया गया है। प्राथमिकी दर्ज की गई है और उनकी भूमिका की जांच की जाएगी।’’
आंतिल की शिकायत पर 22 जनवरी को आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इसमें आरोप लगाया गया कि सोसाइटी ने ‘‘वित्तीय योजनाओं के माध्यम से जनता को धोखा देने का गंभीर अपराध’’ किया है।
शिकायत के अनुसार, यह सोसाइटी बहु-राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम के तहत गठित की गई थी और 16 सितंबर, 2016 से हरियाणा सहित कई राज्यों में इसका संचालन शुरू हुआ।
इसमें कहा गया, ‘‘इसका मुख्य कार्य सावधि जमा और आवर्ती जमा जैसी बचत योजनाएं प्रदान करना था। इसने खुद को एक भरोसेमंद और सुरक्षित वित्तीय संस्थान के रूप में प्रस्तुत किया और निवेशकों को आकर्षित करने व उन्हें प्रभावित करने के लिए व्यापक प्रचार किया। यह योजना बहुस्तरीय विपणन पर आधारित थी, जिससे निवेशकों की संख्या में तेजी से बढ़ी।’’
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मोटे मुनाफे का झांसा देते हुए सोसाइटी ने निवेशकों को आश्वासन दिया कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और परिपक्वता राशि का भुगतान समय पर किया जाएगा। साथ ही, दावा किया कि सोसाइटी ने शुरुआती कुछ वर्षों तक ऐसा किया भी।
इसमें आरोप लगाया गया कि 2023 में निवेशकों को परिपक्वता राशि का भुगतान रोका जाने लगा और ‘‘सोसाइटी के अधिकारियों ने इस देरी के लिए प्रणाली को बेहतर बनाने का बहाना बनाया।’’
आंतिल ने दावा किया कि जब निवेशकों और एजेंटों ने सोसाइटी के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए।
उन्होंने कहा, ‘‘धीरे-धीरे सोसाइटी के मालिकों ने संपर्क खत्म कर दिया और निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिली।’’
भाषा खारी नेत्रपाल
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