लखनऊ, 21 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार का दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग दिव्यांगों और सामान्य विद्यार्थियों को एक ही छत के नीचे गुणवत्तापूर्ण, समान और संवेदनशील वातावरण में शिक्षा प्रदान करने के लिए ‘समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों’ की स्थापना कर रहा है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
बयान के अनुसार, वर्तमान में सात जिलों प्रयागराज, कन्नौज, औरैया, आजमगढ़, बलिया, महराजगंज और लखनऊ में ये समेकित विद्यालय संचालित हो रहे हैं।
बयान में बताया गया कि इन विद्यालयों में छठी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है और प्रत्येक विद्यालय की स्वीकृत क्षमता 560 विद्यार्थियों की है, जिसमें 50 प्रतिशत सीट दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए और 50 प्रतिशत सामान्य विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं।
बयान के अनुसार, इन विद्यालयों में करीब 400 बच्चों का पंजीकरण हो चुका है।
बयान में बताया गया कि इस योजना में विस्तार करने के लिए शैक्षिक सत्र 2025-26 से गाजियाबाद और प्रतापगढ़ में दो अन्य समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों का संचालन प्रस्तावित है।
बयान के अनुसार, इन नए विद्यालयों के शुरू होने से पश्चिम और पूर्वांचल क्षेत्र में रहने वाले दिव्यांग बच्चे इस अनोखी शैक्षणिक व्यवस्था का लाभ उठा सकेंगे।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप के हवाले से बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा, “समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों की यह व्यवस्था न केवल एक शैक्षिक पहल है बल्कि यह नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की उस सोच को भी दर्शाती है जिसमें समानता, सम्मान और अवसर हर नागरिक का अधिकार है।”
भाषा आनन्द जितेंद्र
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