नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ के साथ मई महीने में शुद्ध रूप से 20.06 लाख सदस्य जुड़े जो अबतक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इन सदस्यों में 9.42 लाख नए कर्मचारी भी शामिल हैं।
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मई, 2025 का यह आंकड़ा अप्रैल, 2025 की तुलना में 4.79 प्रतिशत और मई, 2024 के मुकाबले 2.84 प्रतिशत अधिक है।
श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि मई का यह आंकड़ा अप्रैल, 2018 में ईपीएफओ से जुड़ने वाले अंशधारकों की निगरानी शुरू होने के बाद से दर्ज सबसे अधिक बढ़ोतरी है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि मई, 2025 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़ने वाले शुद्ध सदस्यों की यह संख्या भारत के संगठित रोजगार परिदृश्य की बढ़ती ताकत का प्रमाण है।
मांडविया ने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और युवा-समर्थक, श्रमिक-समर्थक सुधारों की दिशा में सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष परिणाम है।’’
मई, 2025 में ईपीएफओ से लगभग 9.42 लाख नए सदस्य जुड़े जो अप्रैल, 2025 की तुलना में 11.04 प्रतिशत अधिक है।
नए अंशधारकों की संख्या में यह वृद्धि रोज़गार के बढ़ते अवसरों, कर्मचारी लाभ के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के सफल संपर्क कार्यक्रमों का नतीजा है।
इन आंकड़ों का एक उल्लेखनीय पहलू 18-25 आयु वर्ग के कर्मचारियों की बड़ी संख्या है। ईपीएफओ ने इस महीने 18-25 आयु वर्ग में 5.60 लाख नए अंशधारक जोड़े, जो मई, 2025 में जुड़े कुल नए सदस्यों का 59.48 प्रतिशत है।
इस महीने में 18-25 आयु वर्ग में जुड़े नए सदस्यों की संख्या अप्रैल, 2025 की तुलना में 14.53 प्रतिशत अधिक है।
इसके अलावा, मई, 2025 में 18-25 आयु वर्ग की शुद्ध वृद्धि 8.73 लाख रही, जो अप्रैल के मुकाबले 15.10 प्रतिशत और मई, 2024 के मुकाबले 0.11 प्रतिशत अधिक है।
इस आंकड़े से पता चलता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं और उनमें भी पहली बार नौकरी करने वालों की संख्या अधिक है।
पहले ईपीएफओ से बाहर हो गए लगभग 16.11 लाख सदस्य मई में फिर से इसका हिस्सा बन गए। यह अप्रैल, 2025 की तुलना में 2.12 प्रतिशत और मई, 2024 की तुलना में 14.27 प्रतिशत अधिक है।
इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में शामिल नियोक्ताओं के साथ फिर से जुड़ गए। इन कर्मचारियों ने भविष्य निधि के अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपनी संचित राशि को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना।
मई, 2025 में लगभग 2.62 लाख नई महिला सदस्य भी ईपीएफओ में शामिल हुईं, जो अप्रैल की तुलना में 7.08 प्रतिशत और सालाना आधार पर 5.84 प्रतिशत की वृद्धि है।
महिला सदस्यों की संख्या में वृद्धि अधिक समावेशी और विविध कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत है।
आलोच्य महीने में ईपीएफओ से शुद्ध रूप से जुड़ने वाले कर्मचारियों की संख्या में शीर्ष पांच राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की हिस्सेदारी लगभग 12.03 लाख नौकरियों के साथ 59.98 प्रतिशत रही।
सभी राज्यों में महाराष्ट्र ने इस दौरान अकेले 20.33 प्रतिशत नए सदस्य जोड़े।
इसके अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में भी मई के दौरान कुल शुद्ध सदस्य वृद्धि पांच प्रतिशत से अधिक रही।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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