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Tuesday, July 22, 2025

रामपुरवा, लौरिया नंदनगढ़ स्थित अशोक स्तंभ यूनेस्को की अनंतिम सूची में क्रमिक नामांकन के तहत दर्ज

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नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) बिहार में रामपुरवा और लौरिया नंदनगढ़ स्थित अशोक स्तंभ प्राचीन संपत्तियों के एक समूह का हिस्सा हैं, जिनका उल्लेख भारत के लिए यूनेस्को की अनंतिम सूची में ‘मौर्य मार्गों पर अशोक शिलालेख स्थलों के लिए क्रमिक नामांकन’ शीर्षक के तहत किया गया है। सरकार ने सोमवार को लोकसभा को यह जानकारी दी।

संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

पेरिस से संचालित यूनेस्को के अनुसार, अनंतिम (टेंटेटिव) सूची उन संपत्तियों की एक सूची होती है जिन पर प्रत्येक राज्य पक्ष नामांकन के लिए विचार करना चाहता है।

शेखावत से पूछा गया था कि क्या यह सच है कि बिहार के पश्चिम चंपारण में स्थित दो अशोक स्तंभों को ‘यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल’ किया गया है।

उत्तर में मंत्री ने कहा, ‘‘नहीं, महोदय। पश्चिमी चंपारण में रामपुरवा और लौरिया नंदनगढ़ के अशोक स्तंभों को अभी तक यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल नहीं किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इन दोनों स्तंभ शिलालेखों को ‘मौर्य मार्गों पर अशोक शिलालेख स्थलों के लिए क्रमिक नामांकन’ शीर्षक के अंतर्गत यूनेस्को की अनंतिम सूची में शामिल किया गया है।’’

शेखावत ने कहा कि इन स्तंभों को समय-समय पर, आवश्यकतानुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित किया जाता है।

यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, भारत की अनंतिम सूची में क्रमिक नामांकन बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात तथा दिल्ली जैसे राज्यों तक फैला हुआ है।

यह भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल द्वारा फरवरी 2025 में यूनेस्को को प्रस्तुत किया गया था।

भाषा वैभव अविनाश

अविनाश

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