लखनऊ, 21 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘ट्रांसजेंडर’ समुदाय के प्रति समाज में व्याप्त पूर्वाग्रहों पर चिंता जाहिर करते हुए सोमवार को उद्यमियों से समुदाय के लोगों को अपनी कंपनियों में रोजगार और प्रशिक्षण देने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने यहां ‘इंडो-अमेरिकन चेम्बर ऑफ कॉमर्स’ द्वारा आयोजित ‘ब्रेकिंग बैरियर्स-वीमेन इन लीडरशिप एंड एंटरप्रेन्योरशिप’ विषय पर एक कॉन्फ्रेन्स के उद्घाटन के अवसर पर ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति समाज में व्याप्त पूर्वग्रहों पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “अगर कोई ‘ट्रांसजेंडर’ बच्चा जन्म लेता है और उसका परिवार उसे अस्वीकार कर देता है तो ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि वह बच्चा भी सामान्य बच्चों के साथ ही अनाथालय में रहकर शिक्षा प्राप्त करे, बड़ा हो और समाज में सम्मानजनक जीवन जी सके।”
राज्यपाल ने कहा, “ट्रांसजेंडर’ होना उस बच्चे की गलती नहीं है, बल्कि हमारी सामाजिक सोच की कमी है कि हम उन्हें स्वीकार नहीं करते।”
पटेल ने कहा, “वसुधैव कुटुम्बकम की सच्ची भावना तभी साकार होती है जब हम सबको चाहे वे किसी भी लिंग, वर्ग या परिस्थिति से हों, सम्मानपूर्वक साथ लेकर चलेंगे। ‘ट्रांसजेंडर’ बच्चों को भी प्रेम, शिक्षा और समान अवसर दिए जाएं, तभी एक समावेशी और सशक्त भारत का निर्माण संभव है।”
उन्होंने आह्वान किया, “उद्यमियों को चाहिए कि वे अपने यहां ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को रोजगार दें और उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करें। इससे न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी बल्कि उनके परिवार और समाज भी उन्हें स्वीकार करने लगेंगे।”
राज्यपाल ने बताया, “वाराणसी और बस्ती जिलों में ‘ट्रांसजेंडर’ समुदाय के लोगों को जिलाधिकारी द्वारा प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। यह एक अनुकरणीय प्रयास है, जिसे अन्य जिलों में भी अपनाया जाना चाहिए।”
उन्होंने समाज के वंचित वर्गों की शिक्षा और सामाजिक समावेशन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि मुसहर समाज के बच्चों को भी शिक्षा से जोड़कर मुख्यधारा में लाना अत्यंत आवश्यक है।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे समाज के हर वर्ग को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 14 महिला उद्यमियों को भी सम्मानित किया।
भाषा सलीम जितेंद्र
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