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Tuesday, July 22, 2025

माकपा ने वी. एस. अच्युतानंदन को श्रद्धांजलि दी, उन्हें ‘उत्कृष्ट नेता’ बताया

Newsमाकपा ने वी. एस. अच्युतानंदन को श्रद्धांजलि दी, उन्हें ‘उत्कृष्ट नेता’ बताया

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता वी एस अच्युतानंदन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।

भारत के सबसे सम्मानित कम्युनिस्ट नेताओं में से एक और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंदन का सोमवार को 101 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अच्युतानंदन का दिल का दौरा पड़ने के बाद से तिरुवनंतपुरम स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार किया जा रहा था।

अस्पताल द्वारा जारी एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, वरिष्ठ नेता अच्युतानंदन का अपराह्न 3.20 बजे पट्टोम एसयूटी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में इलाज के दौरान निधन हो गया।

माकपा ने एक बयान में अच्युतानंदन को एक उत्कृष्ट और कम्युनिस्ट आंदोलन का एक अनुभवी नेता बताया। माकपा ने बयान में कहा, ‘‘मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का पोलित ब्यूरो वी. एस. अच्युतानंदन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपना लाल झंडा झुकाता है। पार्टी उनकी पत्नी, बेटे और बेटी के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है।’

प्यार से वीएस कहे जाने वाले अच्युतानंदन एक कुशल संगठनकर्ता थे जिन्होंने केरल में विभिन्न संघर्षों का नेतृत्व किया। माकपा ने बताया कि ट्रेड यूनियन आंदोलन से उनका पहला परिचय तब हुआ जब उन्होंने एस्पिनवॉल कंपनी में नारियल रेशा मजदूरों को संगठित किया, जहां उन्होंने काम करना शुरू किया था।

पार्टी ने कहा, ‘‘1940 में, जब वे मात्र 17 वर्ष के थे, वीएस कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए। कृष्ण पिल्लई ने उन्हें कुट्टनाड में खेतिहर मज़दूरों के बीच काम सौंपा, जो ज़मींदारों द्वारा भयंकर शोषण के शिकार थे।’’

माकपा ने कहा, ‘‘त्रावणकोर के दीवान के विरुद्ध पुन्नपरा-वायलार विद्रोह के दौरान, वीएस को भूमिगत होना पड़ा। गिरफ़्तारी के बाद, उन्हें हिरासत में गंभीर यातनाएं दी गईं।’’

माकपा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में मेहनतकश लोगों के कल्याण के लिए कई विधायी और प्रशासनिक उपाय किए गए।’

पार्टी के साथ अपने साढ़े आठ दशक लंबे जुड़ाव के दौरान, अच्युतानंदन ने केरल में कम्युनिस्ट आंदोलन के निरंतर विकास को देखा।

माकपा ने कहा, ‘‘अपनी सादगीपूर्ण जीवनशैली और सामाजिक न्याय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए जाने जाने वाले अच्युतानंदन ने केरल की राजनीति पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनके निधन से पार्टी और कम्युनिस्ट आंदोलन को भारी क्षति हुई है।’’

भाषा अमित नरेश

नरेश

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