29.9 C
Jaipur
Tuesday, July 22, 2025

आरबीआई का बैंक के डिजिटल चैनल पर तीसरे पक्ष के उत्पादों को दिखाने पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव

Newsआरबीआई का बैंक के डिजिटल चैनल पर तीसरे पक्ष के उत्पादों को दिखाने पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव

मुंबई, 21 जुलाई (भाषा) बैंकों के डिजिटल बैंकिंग चैनल पर तृतीय-पक्ष के उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। सोमवार को जारी आरबीआई के नियमों के मसौदे में यह कहा गया है।

‘भारतीय रिजर्व बैंक (डिजिटल बैंकिंग चैनल अथॉराइजेशन) निर्देश, 2025’ में कहा गया है कि बैंकों को जोखिम-आधारित लेनदेन को लेकर निगरानी व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए।

मसौदे में कहा गया है कि बैंक की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन नीति के अनुसार, ग्राहक लेनदेन व्यवहार प्रतिरूप का अध्ययन और असामान्य लेनदेन की निगरानी या असामान्य लेनदेन के लिए ग्राहकों से पूर्व मंजूरी प्राप्त करने की बातों को प्रणाली में शामिल किया जा सकता है।

मसौदे पर विभिन्न पक्षों से 11 अगस्त तक सुझाव मांगे गये हैं।

इसमें कहा गया, ‘‘प्रवर्तक समूहों या बैंक समूह संस्थाओं (सहायक/संयुक्त उद्यम/सहयोगी) सहित तृतीय-पक्ष के उत्पादों और सेवाओं को बैंकों के डिजिटल बैंकिंग चैनल पर प्रदर्शित नहीं किया जाएगा। हालांकि, समय-समय पर केंद्रीय बैंक की मंजूरी के बाद इन उत्पादों और सेवाओं को दिखाया जा सकता है।’’

मोबाइल बैंकिंग सेवा (मोबाइल एप्लिकेशन के अलावा) प्रदान करने वाले बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी मोबाइल नेटवर्क परिचालकों के ग्राहक इस सेवा का लाभ उठा सकें। अर्थात यह सेवा नेटवर्क से स्वतंत्र होगी।

मसौदे में कहा गया है कि बैंक अपनी नीतियों के अनुसार, जोखिम को कम करने के लिए उपयुक्त कदम उठाएंगे। इसमें लेनदेन सीमा (प्रति लेनदेन, दैनिक, साप्ताहिक, मासिक), धोखाधड़ी की जांच आदि शामिल है जो उनके जोखिम की धारणा पर निर्भर करेगी।

बैंकों को ग्राहकों के लिए डेबिट कार्ड जैसी किसी अन्य सुविधा का लाभ उठाने के लिए किसी भी डिजिटल बैंक चैनल को चुनना अनिवार्य नहीं बनाना चाहिए।

मसौदे में कहा गया, ‘‘हालांकि, ग्राहक के लिए कुछ सेवाओं (उदाहरण के लिए, कार्ड नियंत्रण तक ऑनलाइन पहुंच) को एक साथ चुनना अधिक सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं के लिए आवेदन करने का विकल्प पूरी तरह से ग्राहक के पास होगा।’’

इसके अलावा, बैंकों को डिजिटल बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए ग्राहक से स्पष्ट रूप से सहमति लेनी चाहिए। इस सहमति को रिकॉर्ड में रखना चाहिए।

मसौदे में कहा गया, ‘‘बैंकों को लेनदेन संबंधी बैंकिंग सुविधा शुरू करने के लिए रिजर्व बैंक की पूर्व स्वीकृति लेनी होगी।’’

बैंक निदेशक मंडल के प्रस्ताव के साथ लेनदेन बैंकिंग सुविधा शुरू करने के लिए रिजर्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। लेकिन यह विवेकपूर्ण पात्रता मानदंड पूरा करने पर निर्भर करेगा।

भाषा रमण अजय

अजय

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles