जम्मू, 21 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए विधेयक लाने का दबाव बनाने के वास्ते केंद्र-शासित प्रदेश के कांग्रेस नेता संसद का घेराव करने को सोमवार को ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय राजधानी रवाना हुए।
पार्टी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस बात के लिए कड़ी आलोचना की कि संसद के अंदर और बाहर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का बार-बार वादा करने के बाद भी वह केंद्र-शासित प्रदेश के लोगों की इस मांग को पूरी करने में ‘पूरी तरह से विफल’ रहे हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम अहमद मीर ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री एक बार नहीं, बल्कि कई बार जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं। संसद के अंदर और बाहर उन्होंने लोगों से वादा किया कि वह इसे बहाल करेंगे। इसलिए, हम राज्य का दर्जा दिलाने से जुड़े आंदोलन को तेज करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं।’’
मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के साथ सोमवार को जम्मू से पांच डबल डेकर बस में 160 से ज्यादा पार्टी नेताओं का नेतृत्व करते हुए दिल्ली के लिए रवाना हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव को 10 महीने बीत गए हैं, लेकिन अभी तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री को केंद्र-शासित प्रदेश के लोगों के अधिकार बहाल करने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए।’’
कर्रा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘राज्य का दर्जा, जो हमारा संवैधानिक अधिकार है, उसे वापस पाने के लिए हम ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर जा रहे हैं। हम वहां संसद का घेराव करने की कोशिश करेंगे। हम इस अंधी और बहरी सरकार को जगाना चाहते हैं। वह राज्य का दर्जा देने की मांग को पूरा करने पर चुप है, जबकि उसने संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह यह वादा किया था।’’
कर्रा ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजे जाने के बाद उन्होंने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया, पहले ‘श्रीनगर चलो’, फिर ‘जम्मू चलो’, और ‘‘अब हम दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।’’
पार्टी ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर पहली बार 19 जुलाई को श्रीनगर में प्रदर्शन किया था। इसके बाद, 20 जुलाई को कर्रा और मीर के नेतृत्व में जम्मू में एक विरोध मार्च निकाला गया। उस दिन प्रदर्शनकारियों का समूह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को एक ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन तक मार्च करना चाहता था, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया था। इस दौरान, कर्रा और मीर समेत पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया था।
भाषा राजकुमार पारुल
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