अमरावती, 21 जुलाई (भाषा) मुंबई की कई ट्रेन में 11 जुलाई 2006 को हुए सिलसिलेवार विस्फोट मामले में मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए गए 12 लोगों में से चार को सोमवार शाम अमरावती केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया।
उनमें से एक सुहैल शेख ने कहा कि वह बेकसूर था और उसे न्यायपालिका एवं सरकार पर पूरा भरोसा था।
सूत्रों ने अन्य तीन की पहचान तनवीर अहमद मोहम्मद इब्राहिम अंसारी, मोहम्मद मजीद शफी और ज़मीर अहमद लतीफुर रहमान शेख के रूप में की है। ये चारों 2015 से अमरावती जेल में थे।
सुहैल शेख ने कहा, ‘‘लगभग 19-20 साल (जेल में) बिताने के बाद आज हम रिहा हो रहे हैं। हमें हुकूमत (सरकार) और अदालत पर पूरा भरोसा है एवं इसी भरोसे ने हमारे लिए काम किया। इस मामले से हमारा कोई लेना-देना नहीं था। हमें सत्र अदालत से ही रिहा कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन हमें उच्च न्यायालय ने रिहा कर दिया है। हम हुकूमत, न्यायाधीशों और हमारे लिए लड़ने वाले वकीलों की टीम का शुक्रिया अदा करते हैं।’’
उसने कहा, ‘‘मुझ पर सिमी (प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया) से संबंध रखने का आरोप लगाया गया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार से उसकी कोई मांग है, उसने कहा कि उनकी कोई मांग नहीं है।
शेख ने कहा, ‘‘मैं बस सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।’’
मुंबई उच्च न्यायालय ने 11 जुलाई 2006 को मुंबई में कई ट्रेन में किए गए सात बम धमाकों के मामले में सोमवार को सभी 12 आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है तथा यह विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने यह अपराध किया है।
यह फैसला शहर के पश्चिमी रेलवे नेटवर्क को हिला देने वाले आतंकवादी हमले के 19 साल बाद आया है। इस हमले में 180 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य लोग घायल हुए थे।
भाषा
राजकुमार दिलीप
दिलीप