(टिमोथी पियात्कोव्स्की, ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी)
ब्रिस्बेन, 22 जुलाई (द कन्वरेसशन) ऑस्ट्रेलिया में अवैध रूप से बेचे जा रहे स्टेरॉइड उत्पादों में जहरीली भारी धातुओं की मौजूदगी पाई गई है। एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि देशभर से एकत्र किए गए 28 स्टेरॉइड उत्पादों में से कई या तो गलत लेबल वाले थे या उनमें अपेक्षित स्टेरॉइड तत्व मौजूद ही नहीं था। जांच में यह भी सामने आया कि इन उत्पादों में सीसा, आर्सेनिक और कैडमियम जैसी विषैली धातुएं मिली हैं जो कैंसर, हृदय रोग और अंग विफलता जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
एनाबॉलिक स्टेरॉइड ऐसी कृत्रिम दवाइयां हैं जिन्हें शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के प्रभाव की नकल करने के लिए बनाया गया है। चिकित्सक इन्हें कुछ विशेष चिकित्सकीय स्थितियों, जैसे हाइपोगोनैडिज़्म (जिसमें शरीर पर्याप्त यौन हार्मोन नहीं बना पाता) के इलाज के लिए कभी-कभी सुझाते हैं।
हालांकि, ये स्टेरॉइड आम तौर पर वे लोग उपयोग करते हैं जो मांसपेशियों का आकार बढ़ाना, खेल प्रदर्शन में सुधार करना या मानसिक ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि करना चाहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में बिना चिकित्सकीय पर्ची के स्टेरॉइड रखना अवैध है। इस अपराध का दोषी पाए जाने पर भारी जुर्माना और क्वींसलैंड जैसे राज्यों में 25 साल तक की जेल की सजा तक हो सकती है।
इसके बावजूद, ये उत्पाद ऑनलाइन और स्थानीय जिम में आसानी से उपलब्ध हैं। यही कारण है कि युवाओं—विशेषकर पुरुषों और महिलाओं—के बीच इनका उपयोग लगातार बढ़ रहा है। शोध में शामिल उत्पादों में 16 इंजेक्टेबल ऑयल, 10 प्रकार की टैबलेट और दो कच्चे पाउडर शामिल थे। एक स्वतंत्र फॉरेंसिक प्रयोगशाला ने इन नमूनों की जांच की, जिसमें सक्रिय घटकों, संदूषकों और भारी धातुओं का परीक्षण किया गया।
शोधकर्ताओं ने बताया कि अधिकतर नमूने या तो गलत लेबल वाले थे या फिर उनकी संरचना में शामिल तत्वों की मात्रा सही नहीं थी। उदाहरण के लिए, एक उत्पाद जिसे ‘टेस्टोस्टेरोन एनंथेट (200 मिलीग्राम/मिलीलीटर)’ के रूप में बेचा जा रहा था, उसमें टेस्टोस्टेरोन नहीं बल्कि 159 मिलीग्राम/मिलीलीटर ट्रेंबोलोन पाया गया — जो कि एक अत्यधिक शक्तिशाली स्टेरॉइड है।
केवल चार उत्पादों की संरचना और शुद्धता उनके लेबल पर दिए गए विवरण से करीब पांच प्रतिशत ही मेल खाई।
हालांकि जिन भारी धातुओं की उपस्थिति पाई गई, उनकी मात्रा अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के अनुसार ‘दैनिक सुरक्षित सीमा’ के भीतर थी, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि स्टेरॉइड का लगातार और अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह स्तर तेजी से खतरनाक सीमा पार कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने चेताया कि लंबे समय तक इन उत्पादों का सेवन करने से मस्तिष्क, हृदय और अन्य अंगों को नुकसान पहुंच सकता है और इसके कारण स्मरणशक्ति में गिरावट, अंग विफलता और कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि विशेष रूप से चीन जैसे देशों से आयात किए गए कच्चे पाउडर गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरते।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्टेरॉइड का उपयोग रुकने वाला नहीं है, ऐसे में इसके स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए एक राष्ट्रीय निगरानी एवं परीक्षण प्रणाली की आवश्यकता है। उन्होंने सिफारिश की है कि यह कार्यक्रम सुई और सिरिंज वितरण योजनाओं तथा सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ा जाए ताकि स्टेरॉइड का उपयोग करने वाले लोगों तक प्रभावी रूप से पहुंचा जा सके। इसके अलावा अध्ययन में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है।
( द कन्वरसेशन ) मनीषा सिम्मी
सिम्मी