नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने मंगलवार को फैसला किया कि मानसून सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों पर सवालों का जवाब देने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सदन में मौजूदगी के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।
संसद भवन परिसर में विपक्षी दलों के घटक दलों के सदनों के नेताओं की बैठक में यह फैसला किया गया।
बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, द्रमुक के टीआर बालू और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में ‘इंडिया’ के नेताओं नेताओं की बैठक हुई। विपक्ष ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवालों के जवाब देने के मकसद से सदन में प्रधानमंत्री की उपस्थिति के लिए दबाव बनाने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और ‘युद्धविराम’ पर डोनाल्ड ट्रंप के बयान, बिहार एसआईआर प्रक्रिया, परिसीमन, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, अहमदाबाद विमान दुर्घटना और मणिपुर में हिंसा के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 16 घंटे की चर्चा कराने पर सोमवार को सहमति जताई और इस चर्चा की शुरुआत अगले सप्ताह हो सकती है।
विपक्ष ने इस बात पर जोर दिया है कि चर्चा इसी सप्ताह शुरू होनी चाहिए।
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