पटना, 22 जुलाई (भाषा) बिहार में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मंगलवार को दावा किया कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा भाजपा द्वारा रची गई एक साजिश है, जिसका उद्देश्य विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘हटाना’ है।
हालांकि, राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी, राज्य सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया।
नीतीश को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए ‘राजग का चेहरा’ घोषित किया गया है।
विधानसभा में राजद के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने दावा किया, ‘‘लंबे समय से, भाजपा नीतीश कुमार से छुटकारा पाकर अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। विधानसभा चुनावों से पहले वे हताश हो गए हैं, जिसमें राजग की हार निश्चित है।’’
शाहीन ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में दावा किया, ‘‘लंबे समय से, भाजपा के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार को हटाने के पक्ष में बोलते रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने तो एक बार नीतीश कुमार को उप-प्रधानमंत्री बनाने की वकालत तक कर दी थी। इसलिए, यह निष्कर्ष निकालना गलत नहीं होगा कि धनखड़ का इस्तीफा भाजपा की एक साजिश है, जिसका उद्देश्य उपराष्ट्रपति जैसा राजनीतिक रूप से महत्वहीन पद देकर नीतीश कुमार को हटाना है।’’
दिवंगत सुशील कुमार मोदी ने एक बार आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति पद के लिए पैरवी कर रहे हैं और जब लोकसभा में बहुमत रखने वाली भाजपा ने जदयू अध्यक्ष को पद देने से इनकार कर दिया, तो वह राजग से बाहर हो गए थे।
नीतीश कुमार ने 2022 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था और उस पर जदयू को ‘तोड़ने’ की कोशिश करने का आरोप लगाया था, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने फिर से गठबंधन कर लिया, जिसके बाद उनकी पार्टी एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में उभरी, जिस पर अब भाजपा केंद्र में सत्ता में बने रहने के लिए निर्भर है।
इस बीच, जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने राजद नेता के दावे पर नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार के बिहार छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। वह यहीं रहेंगे, विधानसभा चुनावों में राजग को जीत दिलाएंगे और राज्य की जनता की सेवा करते हुए एक और कार्यकाल लेंगे।’’
धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं।
भाषा वैभव नरेश
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