(अमनप्रीत सिंह)
नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) भारतीय कैडेट कुश्ती टीमों पर 28 जुलाई से एथेंस में शुरू होने वाली प्रतिष्ठित अंडर 17 विश्व चैंपियनशिप से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि 47 सदस्यीय दल को शनिवार को रवाना होना है, लेकिन यूनान के दूतावास ने अभी तक उनके वीजा संबंधी अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने 10 जुलाई को वीजा के लिए मिलने का समय मांगा था, लेकिन 12 दिन बीत चुके हैं और दूतावास से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
जब उनके अनुरोध के छह दिन बाद भी कोई जवाब नहीं आया तो डब्ल्यूएफआई ने 16 जुलाई को विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की।
भारत के 47 सदस्यीय 30 पहलवान शामिल हैं। इन खिलाड़ियों ने सात और आठ जुलाई को क्रमशः दिल्ली और लखनऊ में आयोजित किए गए चयन ट्रायल से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई।
डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘‘लगातार अनुरोध किए जाने के बावजूद जब यूनान के दूतावास से कोई जवाब नहीं मिला तो महासंघ को विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टिकट बुक हो चुके हैं और खिलाड़ी तैयार हैं। युवा खिलाड़ियों के लिए विश्व चैंपियनशिप में भाग लेना महत्वपूर्ण है। आज मंगलवार है, उम्मीद है कि हमें अब जवाब मिल जाएगा।’’
डब्ल्यूएफआई के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘पहले हमें यूनान के दूतावास से चार दिन में वीजा मिल जाता था, लेकिन इस बार इसमें काफी देरी हो रही है। हाल ही में हमारी पहलवान हर्षिता को हंगरी के दूतावास से एक दिन में ही वीजा मिल गया था। मुझे नहीं पता कि इस बार यूनानी दूतावास इसमें देरी क्यों कर रहा है।‘‘
भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। इन खिलाड़ियों में रचना परमार (43 किग्रा), मोनी (57 किग्रा), अश्विनी वैष्णो (65 किग्रा) और मनीषा (69 किग्रा) शामिल हैं।
यहां तक कि विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के अध्यक्ष नेनाद लालोविच ने हेलेनिक ओलंपिक समिति को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
लालोविच ने रविवार को लिखा, ‘‘दुर्भाग्यवश, कुछ योग्य और पंजीकृत टीमों को वीजा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इनमें भारत और ईरान की टीम शामिल हैं। ’’
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘आवेदन प्रक्रिया का सही ढंग से पालन करने के बावजूद इन टीमों को अभी तक वीज़ा नहीं मिले हैं। इसलिए मैं संबंधित अधिकारियों के साथ इस प्रक्रिया को सुगम बनाने में आपका सहयोग चाहता हूं।’’
भाषा
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