नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) नौसेना का ‘युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो’ बुधवार को यहां एक संगोष्ठी का आयोजन करेगा जिसमें प्रतिभागी जहाज निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल की जा रहीं ‘भविष्य की तकनीकों’ पर प्रकाश डालेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि संगोष्ठी में प्रतिभागी जहाजों की आपूर्ति में भारतीय शिपयार्ड एवं उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि ‘पोत निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण’ विषय पर केंद्रित जहाज निर्माण सेमिनार में केंद्र सरकार, नौसेना, शिपयार्ड, उद्योग जगत, वर्गीकरण समितियों और शिक्षा जगत के प्रमुख हितधारक एक साथ होंगे।
अधिकारियों ने कहा कि ‘वाई 12652’ (उदयगिरि) की एक जुलाई को की गई हालिया आपूर्ति एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी क्योंकि यह भारतीय नौसेना और युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा राष्ट्र को समर्पित 100वां युद्धपोत था। मानेकशॉ केंद्र में होने वाले आयोजन में इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर भी बात होगी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नयी दिल्ली स्थित नौसेना मुख्यालय के तहत कार्यरत प्रमुख युद्धपोत डिजाइन संस्थान डब्ल्यूडीबी ने युद्धपोत डिजाइन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 1964 में केंद्रीय डिजाइन कार्यालय के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और 1970 में नौसेना डिजाइन निदेशालय के रूप में विकसित हुआ।
इसमें कहा गया है कि छह दशक से अधिक के सफर में डब्ल्यूडीबी ने 20 तरह के युद्धपोतों की डिजाइन और उनके निर्माण में ‘अहम भूमिका’ निभाई है जिनमें समुद्री रक्षा नौकाओं से लेकर विमान वाहक पोत तक शामिल हैं।
भाषा संतोष वैभव
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