नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) निर्वाचन आयोग ने दावा किया है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दल मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में “शामिल” थे और उन्होंने पात्र मतदाताओं तक पहुंच के लिए 1.5 लाख से अधिक बूथ स्तरीय एजेंट तैनात किए, लेकिन वे उच्चतम न्यायालय में इस अभ्यास का विरोध कर रहे हैं।
बिहार से शुरुआत करते हुए पूरे भारत में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण करने के 24 जून के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका में दायर हलफनामे में निर्वाचन आयोग ने दावा किया कि उसके पास मतदाता सूची तैयार करने सहित चुनावों की शुचिता की रक्षा और उसे बनाए रखने के लिए उपाय करने की पूर्ण शक्तियां हैं।
आयोग ने दलील दी कि इसी उद्देश्य से उसने बिहार से शुरुआत करते हुए पूरे भारत में एसआईआर के संचालन का निर्देश दिया है।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि शीर्ष अदालत के समक्ष कुछ याचिकाकर्ता बिहार के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के सांसद और विधायक थे, जो बीएलए (बूथ स्तरीय एजेंट) प्रदान करके एसआईआर अभ्यास में सहायता कर रहे थे।
आयोग ने कहा कि भाजपा ने 52,698, राजद ने 47,506, जदयू ने 35,799, कांग्रेस ने 16,676, लोजपा (रामविलास) ने 1,153, भाकपा (माले) ने 1,271, माकपा ने 739, राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी ने 1,913, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने 270, बसपा ने 74 बीएलए और ‘आप’ ने एक बीएलए तैनात किया।
भाषा पारुल पवनेश
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