शिमला, 22 जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल 24 जुलाई को होने वाली अपनी बैठक में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के चुनाव के लिए ‘आरक्षण रोस्टर’ को स्थगित करने के अपने फैसले की समीक्षा करेगा। यहां एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को यह भी बताया कि केवल राज्य मंत्रिमंडल ही 28 जून के अपने निर्णय को रद्द या संशोधित कर सकता है।
कुमार ने एसईसी सचिव को लिखे पत्र में कहा, ‘‘विभाग इस मामले को 24 जुलाई को होने वाली अगली मंत्रिमंडल की बैठक में रखेगा। इसलिए, यह अनुरोध किया जाता है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के संबंध में आगे की कोई भी कार्रवाई मंत्रिमंडल द्वारा निर्णय लिए जाने तक स्थगित कर दी जाए।’’
शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) विभाग द्वारा सभी उपायुक्तों को लिखे गए पत्र पर एसईसी ने 10 जुलाई को कड़ी आपत्ति जताई थी। इस पत्र पर अद्यतन जनगणना आंकड़े उपलब्ध नहीं होने के कारण यूएलबी चुनाव के लिए आरक्षण रोस्टर को स्थगित करने को कहा गया था।
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा कि एसईसी एक संवैधानिक निकाय है और इसलिए यूएलबी विभाग को एसईसी द्वारा जारी कार्यक्रम में बदलाव करने का कोई अधिकार नहीं है। आयोग ने सरकार से इन निर्देशों को तुरंत वापस लेने को कहा।
शिमला नगर निगम को छोड़कर राज्य में सात नगर निगमों, 29 नगर परिषदों और 37 नगर पंचायतों में चुनाव होने हैं। इसके अलावा 3,600 से अधिक पंचायतों में भी चुनाव होने हैं।
भाषा यासिर राजकुमार
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