नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य 79 लाख और लाभार्थियों को शामिल कर सकते हैं।
खाद्यान्न का कानूनी अधिकार प्रदान करने वाले राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) को 2013 में संसद ने मंजूरी दी थी। इसके तहत ग्रामीण आबादी के 75 प्रतिशत और शहरी आबादी के 50 प्रतिशत तक को कवर करने का प्रावधान है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमुबेन जयंतीभाई बंभानिया ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि यह देश की कुल आबादी के लगभग दो-तिहाई हिस्से को कवर करता है, जो 2011 की जनगणना के आधार पर 81.35 करोड़ है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, 81.35 करोड़ के लक्षित कवरेज के मुकाबले, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 80.56 करोड़ लोगों की पहचान की है। एनएफएसए के तहत 0.79 करोड़ और लाभार्थियों की पहचान की गुंजाइश है।
उन्होंने बताया कि कानून की धारा नौ में प्रावधान है कि राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कवर किए जाने वाले कुल व्यक्तियों की संख्या की गणना प्रकाशित जनगणना के अनुसार जनसंख्या अनुमानों के आधार पर की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसलिए, कवरेज में कोई भी संशोधन अगली जनगणना के प्रासंगिक आंकड़ों के प्रकाशित होने के बाद ही संभव हो सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि लाभार्थियों की पहचान और उनके राशन कार्ड जारी करने की ज़िम्मेदारी राज्यों की है।
भाषा अविनाश प्रशांत
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