शिमला, 23 जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में दूरदराज के आदिवासी क्षेत्र स्थित सरकारी स्कूल के एकमात्र शिक्षक का तबादला होने के बाद नाराज़ छात्रों ने मंगलवार को विद्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और चोली-क्वारसी सड़क को अवरुद्ध कर दिया।
छात्रों ने स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की मांग भी की।
लामू गांव स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने ‘तखी’ (लकड़ी की छोटी पट्टी) पर अपनी मांगें लिखकर नारेबाजी की और सरकार से अविलंब शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की।
लामू पंचायत के प्रधान लाल चंद ने कहा, ‘‘अभिभावक चिंतित हैं क्योंकि इस पिछड़े आदिवासी क्षेत्र में शिक्षकों की कमी से छात्रों का भविष्य खतरे में है। सरकार को तत्काल पर्याप्त पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करना चाहिए।’’
प्रदर्शन तब हुआ जब स्कूल में पदस्थ, एकमात्र राजनीति शास्त्र के शिक्षक का तबादला, उनकी अपील पर अदालत के हस्तक्षेप के बाद कर दिया गया। उनके स्कूल से जाने के बाद विद्यालय में कोई शिक्षक नहीं रहेगा।
विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के अध्यक्ष अशोक कुमार ने भी प्रदर्शन में भाग लिया और कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों से जब से यह स्कूल खुला है, सिर्फ एक शिक्षक ही यहां है। हमारे बार-बार मांग करने के बावजूद शिक्षकों की नियुक्ति और आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं। नतीजतन बच्चे दूसरे स्कूलों का रुख कर लेते हैं।’’
उन्होंने बताया कि जब स्कूल खुला था तब कक्षा 11वीं और 12वीं में 32 छात्र नामांकित थे, लेकिन स्टाफ और संसाधनों की कमी के चलते छात्र संख्या में गिरावट आ रही है।
स्थानीय भाजपा विधायक जनक राज ने कहा कि विद्यालय में पहले ही केवल एक शिक्षक था और अब उनके भी स्थानांतरण से स्कूल के बंद होने का खतरा है। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार की नीति को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि सक्षम परिवारों के छात्र दूसरे स्कूलों में जा चुके हैं, जबकि गरीब परिवारों के बच्चे असमंजस की स्थिति में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की वर्तमान कांग्रेस सरकार दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों को टिकाए रखने में विफल रही है।
भाषा मनीषा शोभना
शोभना