शिलांग, 23 जुलाई (भाषा) मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उन जिलों में पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) समितियां गठित करने का निर्देश दिया है जहां अभी तक ऐसी समितियों का गठन नहीं हुआ है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अदालत को बताया गया कि सरकार ने दक्षिण गारो हिल्स और पश्चिम जयंतिया हिल्स को छोड़कर अधिकांश जिलों में एबीसी समितियों का गठन कर दिया है।
राज्य में आवारा कुत्तों के नियंत्रण व प्रबंधन के संबंध में कौस्तव पॉल द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया गया।
मुख्य न्यायाधीश आई. पी. मुखर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू. डिएंगदोह की खंडपीठ ने मंगलवार को आदेश पारित करते हुए कहा, ‘‘हम इस जनहित याचिका को छह अगस्त 2025 को एक बार फिर सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हैं, ताकि उक्त दो जिलों (दक्षिण गारो हिल्स और पश्चिम जयंतिया हिल्स) के लिए समितियों के गठन समेत आगे की कार्रवाई रिपोर्ट प्राप्त की जा सके।’’
इन समितियों के गठन का उद्देश्य पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001 के प्रावधानों को लागू करना है। अधिनियम का मकसद कुत्तों को पकड़ना, उपचार करना, टीकाकरण करना, नसबंदी करना और कुत्ता केंद्रों में उनका पुनर्वास करके आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करना है।
भाषा जोहेब शोभना
शोभना