नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर बुधवार को 6.3 प्रतिशत कर दिया।
एजेंसी ने अमेरिकी शुल्क को लेकर अनिश्चितता और कमजोर निवेश माहौल का हवाला दिया।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अपने मध्य-वर्षीय आर्थिक परिदृश्य में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जो उसके दिसंबर के 6.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
इसके मुख्य अर्थशास्त्री एवं सार्वजनिक वित्त प्रमुख देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, ‘‘ प्रमुख प्रतिकूल परिस्थितियों में अमेरिका के सभी देशों पर एकतरफा शुल्क वृद्धि से अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य और अपेक्षा से कमजोर निवेश वातावरण शामिल हैं। वहीं अनुकूल परिस्थितियों में मौद्रिक सहजता, अपेक्षा से अधिक तेजी से मुद्रास्फीति में गिरावट और 2025 में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान शामिल है।’’
भारतीय अर्थव्यवस्था 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।
इससे पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भी व्यापार अनिश्चितता और अमेरिका के उच्च शुल्क का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया।
आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि अनुमान को पहले के 6.7 प्रतिशत के स्तर से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है।
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