शिलांग, 23 जुलाई (भाषा) मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने जापान के कोबे शहर में वहां कार्यरत राज्य की नर्सों से मुलाकात की जो सरकार की प्रमुख योजना ‘मिशन मून’ के तहत वहां भेजी गई हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह यात्रा राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है जिसके तहत युवाओं को वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में करियर के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
जापान में कार्यरत इन 27 नर्सों का समूह ‘मिशन मून’ के तहत विदेशों में नियुक्ति पाने वाला दूसरा समूह है।
इस योजना को मेघालय राज्य कौशल विकास सोसायटी (एमएसएसडीएस) ने मार्च 2023 में शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र से प्रशिक्षित कम से कम 100 पेशेवरों को उन देशों में भेजना है जहां कुशल नर्सों की भारी कमी है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कोबे में नर्सों से बातचीत के दौरान उन्हें सरकार की ओर से निरंतर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया और नये देश में खुद को ढालने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।
मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
कॉनराड ने कहा, ‘यह सिर्फ रोजगार दिलाने की योजना नहीं है, बल्कि यह जिंदगियां बदलने और वैश्विक संभावनाओं को द्वार खोलने की एक पहल है। मुझे गर्व है कि हमारे युवा गरिमा और उत्कृष्टता के साथ मेघालय का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।’
उमत्रेवसाव गांव (री भोई जिला) की नर्स लाइकर्मेन खारदेवसाव ने कहा, ‘मेरे गांव से जापान तक का सफर चुनौतियों भरा रहा, लेकिन परिवार, भगवान और सरकार के सहयोग से मैं आज अपना सपना पूरा कर पा रही हूं।’
वहीं, कोबे कैसेई अस्पताल में कार्यरत एक और नर्स जेनीशा लिंगदोह ने इस मौके को ‘जीवन बदलने वाला अवसर’ बताते हुए मुख्यमंत्री और एमएसएसडीएस का धन्यवाद किया।
‘मिशन मून’ की शुरूआत मार्च 2023 में की गई थी। इसे स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से शुरू किया गया था और इसका मकसद वैश्विक स्तर पर 1.3 करोड़ से अधिक नर्सों की कमी को ध्यान में रखते हुए युवाओं को प्रशिक्षित कर अवसर उपलब्ध कराना था।
अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार ने प्रत्येक चयनित उम्मीदवार को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जिससे वे भाषा प्रशिक्षण ले सकें।
अगस्त 2023 में शिलॉंग में आयोजित ‘ओवरसीज नर्सिंग जॉब फेयर’ में 1,300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके परिणामस्वरूप 27 नर्सों की नियुक्ति जापान में, 18 की सिंगापुर में हुई और 30 अन्य जर्मनी में नियुक्ति के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं।
एमएसएसडीएस ने वर्ष 2024 में इस पहल का विस्तार किया और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम अंतरराष्ट्रीय जैसे संगठनों के साथ मिलकर एक व्यापक ‘ओवरसीज जॉब फेयर’ आयोजित किया जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र प्रमुख रूप से केंद्र में रहा।
एक अधिकारी के अनुसार, अगले दो वर्षों में 500 से 1,000 युवाओं को वैश्विक मांग के अनुरूप विशेष प्रशिक्षण देकर विदेशों में नियुक्त करने की तैयारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में 1,000 से अधिक पंजीकृत नर्सें हैं जो नियुक्ति का इंतजार कर रही हैं और सरकार उन्हें अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
एमएसएसडीएस के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम अपने युवाओं को सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि वैश्विक प्रभाव के लिए तैयार कर रहे हैं।’
‘मिशन मून’ अब मेघालय के दूरदराज गांवों से लेकर जापान के उन्नत अस्पतालों तक युवाओं की आकांक्षाओं और उपलब्धियों का प्रतीक बनता जा रहा है।
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राखी नरेश
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