पटना, 23 जुलाई (भाषा) बिहार में नीतीश कुमार सरकार की कथित विफलताओं के खिलाफ बुधवार को जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के नेतृत्व में विधानसभा की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे पार्टी के हजारों समर्थकों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।
पार्टी ने घोषणा की थी कि यह मार्च दोपहर के समय निकाला जाएगा।
पटना सेंट्रल की पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीक्षा के अनुसार, समर्थकों को विधानसभा परिसर से कुछ सौ मीटर दूर चितकोहरा गोलचक्कर पर रोक लिया गया।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है जहां किसी सार्वजनिक सभा या प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। इसलिए जब भीड़ को विधानसभा परिसर की ओर बढ़ते देखा गया तो अवरोधक लगा दिए गए और जब उन्होंने जबरन आगे बढ़ने की कोशिश की तो हल्का बल प्रयोग किया गया।’
जन सुराज पार्टी के समर्थक तख्तियां लिए हुए थे जिन पर तीन मुद्दों का जिक्र था। इनमें जाति सर्वेक्षण के बाद सहायता की घोषणा के बावजूद, बिहार सरकार द्वारा गरीब परिवारों को दो लाख रुपये की सहायता प्रदान करने में कथित विफलता का मुद्दा भी शामिल था। सर्वेक्षण में जनसंख्या के एक बड़े हिस्से की दयनीय आर्थिक स्थिति का पता चला।
किशोर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘पिछले कुछ महीनों से हम राज्यपाल और मुख्य सचिव से मिलने का समय मांग रहे थे। कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद हमारे पास सड़कों पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।’
किशोर ने कहा, ‘आज मुझे पता चला है कि मुख्य सचिव बातचीत करने को तैयार हैं। मैं उनसे बात करने को तैयार हूं, लेकिन उन्हें एक समय-सीमा बतानी होगी, जिसमें हमारी मांगें पूरी हो जाएंगी।’
वह अपने एक समर्थक को लगी चोटों से भी परेशान दिखे और कहा, ‘उन्होंने मेरे कार्यकर्ता को डंडे से पीटा है, जबकि हम शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे थे। अब मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे मुझे भी मारें। मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।”
किशोर ने पिछले वर्ष अक्टूबर में जन सुराज पार्टी की स्थापना की थी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह चाहेंगे कि जन सुराज आगामी राज्य चुनाव में किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन किए बिना सभी 243 सीट पर उम्मीदवार उतारे।
भाषा जोहेब प्रशांत
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