नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उन दो अभ्यर्थियों को नीट-यूजी, 2025 की काउंसलिंग में शामिल होने के लिए अस्थायी मंजूरी देने से इनकार कर दिया, जिन्हें मध्य प्रदेश में अपने परीक्षा केंद्रों में बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था।
न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर की पीठ ने हालांकि, नव्या नायक और एस साई प्रिया की याचिकाओं को 25 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
अभ्यर्थियों ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 14 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनके लिए दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया गया था।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि काउंसलिंग के लिए अधिसूचना जारी की गई है।
याचिकाकर्ताओं ने काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति के निर्देश के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोनों याचिकाओं में दोबारा परीक्षा कराने का अनुरोध किया गया है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे परीक्षा देने वाले लाखों छात्र प्रभावित होंगे।
पीठ ने अंतरिम निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया और सुनवाई स्थगित कर दी।
शीर्ष अदालत 16 जुलाई को उन उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी जो परीक्षा में शामिल हुए थे और कुछ केंद्रों पर बिजली गुल हो गई थी।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने एनटीए को राज्य के इंदौर और उज्जैन स्थित कुछ केंद्रों पर बिजली कटौती से प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए नीट-यूजी, 2025 की पुनः परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था।
हालांकि, उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एनटीए की याचिका पर एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया, लेकिन भविष्य में इस तरह की किसी भी पुनरावृत्ति के प्रति आगाह किया।
भाषा शफीक नरेश
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