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Wednesday, July 23, 2025

अंधविश्वास विरोधी संगठन ने विवाह के लिए अंतरजातीय रिश्ता केंद्र की शुरुआत की

Newsअंधविश्वास विरोधी संगठन ने विवाह के लिए अंतरजातीय रिश्ता केंद्र की शुरुआत की

पुणे, 23 जुलाई (भाषा)महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने जाति और धार्मिक बाधाओं को खत्म करने तथा ऐसी सीमाओं से परे जीवन साथी की तलाश कर रहे लोगों को लिए एक अंतरजातीय और अंतरधार्मिक रिश्ता केंद्र की शुरुआत की है। संगठन के एक प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन (एमएएनएस) समिति के सदस्य हामिद दाभोलकर ने इसे राज्य में अपनी तरह की पहली पहल बताया। उन्होंने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि यह तर्कवाद और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के संगठन के दीर्घकालिक अभियान का हिस्सा है।

दिवंगत तर्कवादी डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के बेटे हामिद ने कहा कि यह सेवा उन व्यक्तियों और परिवारों के लिए है जो स्वेच्छा से अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाहों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में पंजीकरण निःशुल्क है।

हामिद ने कहा, ‘‘राज्य और पूरे देश में समुदायों और धर्मों के बीच दरार पैदा करने की कोशिशें की गई हैं। जाति या धर्म की सीमाओं से परे जीवनसाथी की तलाश करने वाले व्यक्तियों के लिए यह दिन-प्रतिदिन कठिन होता जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों को समर्थन और उम्मीद प्रदान करना है।’’

रिश्ता केंद्र के राज्य समन्वयक शंकर कांसे और एक अन्य समन्वयक डॉ. ज्ञानदेव सर्वाडे ने भावी दुल्हनों, दूल्हों और उनके माता-पिता से इस केंद्र में पंजीकरण कराने की अपील की।

कांसे ने कहा, ‘‘पंजीकरण के बाद, आपसी पसंद के आधार पर उपयुक्त जोड़ों का सुझाव दिया जाएगा और सत्यापन प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि निर्णय पूरी सहमति से लिए जाएं। जोड़ों को विशेष विवाह अधिनियम के तहत या सत्यशोधक अनुष्ठानों के माध्यम से विवाह करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।’’

उन्होंने बताया कि रिश्ता केंद्र न केवल अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाहों का समर्थन करता है, बल्कि पुनर्विवाह की इच्छुक विधवाओं और विधुरों के आवेदनों का भी स्वागत करता है।

कांसे ने कहा, ‘‘डॉ. नरेंद्र दाभोलकर का मानना था कि जाति सबसे बड़ा अंधविश्वास है और अंतरजातीय विवाह जाति व्यवस्था को खत्म करने का एक शक्तिशाली तरीका हो सकता है। हमने इसी विश्वास के साथ यह पहल शुरू की है।’’

उन्होंने दावा किया कि एमएएनएस अंतरजातीय और अंतरधार्मिक जोड़ों के लिए महाराष्ट्र का पहला ‘ सुरक्षित पनाहगाह’ संचालित करता है, जो सतारा जिले में स्थित है, जहां उन्हें अस्थायी आश्रय और सुरक्षा प्रदान की जाती है।

कांसे के मुताबिक पिछले वर्ष से अब तक लगभग 18 जोड़ों ने सतारा के सुरक्षित पनाहगाह की सुविधा ली है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

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