मुंबई, 23 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद सदाभाऊ खोत ने कहा है कि महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में दो विधायकों के समर्थकों के बीच हुई हालिया हाथापाई पिछले पांच दशकों से सत्ता के नशे में चूर लोगों को करारा जवाब है।
राकांपा (शरद चंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड और भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच पिछले बृहस्पतिवार को राज्य विधानमंडल परिसर में झड़प हुई थी। इससे एक दिन पहले दोनों नेताओं के बीच कहासुनी हुई थी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो फुटेज के अनुसार, लॉबी क्षेत्र में हुई बहस जल्द ही मारपीट में बदल गयी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विभिन्न दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की। पडलकर और आव्हाड दोनों ने बाद में निचले सदन में इस घटना पर खेद व्यक्त किया।
मंगलवार शाम सांगली जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके खोत ने कहा, ‘सांगली के अटपडी-खानापुर के एक साहसी युवक ने 50 सालों से सत्ता के नशे में चूर लोगों का अहंकार चकनाचूर कर दिया। उसने यह संदेश दिया कि मुंबई पर उसका दबदबा है, उनका नहीं।’
हालांकि खोत ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी पडलकर की प्रशंसा में और आव्हाड पर निशाना साधते हुए लग रही थी। अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 1999 से 2014 तक कांग्रेस के साथ राज्य में सत्ता में थी और आव्हाड सरकार में शामिल थे।
उन्होंने कहा, “उन्होंने (विपक्ष ने) शिकायत की कि हमने उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। मैंने कहा कि हमारे यहां यही सामान्य भाषा है। असली गालियां अभी इस्तेमाल होनी बाकी हैं। अगर हम उन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे, तो आप किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।’
भाषा रंजन प्रशांत
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